बिहार चुनाव 2025 : CM आवास के सामने धरने पर बैठे JDU विधायक गोपाल मंडल, हाई वोल्टेज ड्रामा
पटना। बिहार चुनाव 2025 में नए नए रंग नेताओं और राजनीति के दिखाई दे रहे हैं। अब अपने बयानों और कार्यशैली को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वह अपनी सरकार और पार्टी के मुखिया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए, जिससे राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
आज मंगलवार, 14 अक्टूबर, 2025 को जेडीयू विधायक गोपाल मंडल, जो भागलपुर जिले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार के विधायक हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना स्थित आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। उनकी मुख्य मांग आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का टिकट सुनिश्चित करना है।
धरने का तात्कालिक कारण आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर अनिश्चितता है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू के कई मौजूदा विधायकों की सीटों को चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ सीट-बंटवारे के समझौते के तहत समायोजित किया जा रहा है। इस फेरबदल के कारण कई मौजूदा विधायकों में अपने टिकट कटने को लेकर बेचैनी है। गोपाल मंडल भी उन्हीं में से एक हैं।
धरने पर बैठे गोपाल मंडल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं। टिकट को लेकर आश्वासन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री से मिलने आया हूं और जब तक मैं उनसे मिलकर टिकट (विधानसभा चुनाव के लिए) के बारे में आश्वस्त नहीं हो जाता, तब तक बैठा रहूंगा। मैं उनका इंतजार करूंगा और मुझे विश्वास है कि मेरा टिकट नहीं काटा जाएगा।
धरने का तात्कालिक कारण आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर अनिश्चितता है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू के कई मौजूदा विधायकों की सीटों को चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ सीट-बंटवारे के समझौते के तहत समायोजित किया जा रहा है। इस फेरबदल के कारण कई मौजूदा विधायकों में अपने टिकट कटने को लेकर बेचैनी है। गोपाल मंडल भी उन्हीं में से एक हैं।
धरने पर बैठे गोपाल मंडल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं। टिकट को लेकर आश्वासन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री से मिलने आया हूं और जब तक मैं उनसे मिलकर टिकट (विधानसभा चुनाव के लिए) के बारे में आश्वस्त नहीं हो जाता, तब तक बैठा रहूंगा। मैं उनका इंतजार करूंगा और मुझे विश्वास है कि मेरा टिकट नहीं काटा जाएगा।
