RBI ने पेमेंट एग्रीगेटर के लिए नियमों को किया आसान, कंपनिया विदेशी भुगतान में कर सकेंगी विस्तार
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- October 13, 2025
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नई दिल्ली। RBI के नए नियमों से पूरी तरह लाइसेंस प्राप्त पीए सीमा पार भुगतान में तेजी से विस्तार कर सकेंगे। पीए-सीबी ढांचे में कारोबारियों की प्रवेश गति बढ़ेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम दिशानिर्देशों के साथ पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) अब सीमा पार (सीबी) भुगतान जैसे नए सेगमेंट में तेजी से विस्तार कर सकते हैं।
नए दिशानिर्देशों से मंजूरियां सुव्यवस्थित
नए दिशानिर्देशों से मंजूरियां सुव्यवस्थित हुई हैं और बाजार में प्रवेश में तेज हुआ है। नए ढांचे के तहत पूर्ण लाइसेंस प्राप्त पीए 30 दिन पहले रिजर्व बैंक को सिर्फ सूचना देकर अन्य पीए श्रेणी में कामकाज शुरू कर सकते हैं। यह पहले की व्यवस्था की तुलना में बड़ा बदलाव है, जिसमें सीबी भुगातान जैसे क्षेत्रों में अलग मंजूरी हासिल करने में एक साल के करीब लग जाते थे। इससे राजस्व वृद्धि और विस्तार में देरी होती थी।
पूर्ण लाइसेंस प्राप्त पीए के 2 संस्थापकों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस कदम से सीबी पेमेंट्स जैसे आकर्षक सेगमेंट में उनकी गो-टू-मार्केट प्लान में तेजी आएगी।
एक पीए स्टार्टअप के संस्थापक ने कहा, ‘अधिकांश फाइनैंशियल टेक्नॉलजी कंपनियां पीए लाइसेंस के साथ शुरुआत करती हैं और बाद में पीए-सीबी में विस्तार करती हैं। एक नियमित पीए लाइसेंस की जरूरतों का कम से कम 80 प्रतिशत, पीए-सीबी में भी समान ही होता है।’
उस व्यक्ति ने कहा कि पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त अधिकांश पीए पहले से ही घरेलू भुगतान के लिए रिजर्व बैंक के मानदंडों को पूरा करते हैं, इसलिए वे अन्य रेगुलेटेड बिजनेस लाइनों में अधिक तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि उनके प्रमुख अनुपालन वह पहले से ही कर रहे होते हैं। रिजर्व बैंक के ताजा दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पीए के पास निश्चित रूप से सर्टिफिकेट ऑफ अथराइजेशन (सीओए) होना चाहिए।
नए दिशानिर्देशों से मंजूरियां सुव्यवस्थित
नए दिशानिर्देशों से मंजूरियां सुव्यवस्थित हुई हैं और बाजार में प्रवेश में तेज हुआ है। नए ढांचे के तहत पूर्ण लाइसेंस प्राप्त पीए 30 दिन पहले रिजर्व बैंक को सिर्फ सूचना देकर अन्य पीए श्रेणी में कामकाज शुरू कर सकते हैं। यह पहले की व्यवस्था की तुलना में बड़ा बदलाव है, जिसमें सीबी भुगातान जैसे क्षेत्रों में अलग मंजूरी हासिल करने में एक साल के करीब लग जाते थे। इससे राजस्व वृद्धि और विस्तार में देरी होती थी।
पूर्ण लाइसेंस प्राप्त पीए के 2 संस्थापकों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस कदम से सीबी पेमेंट्स जैसे आकर्षक सेगमेंट में उनकी गो-टू-मार्केट प्लान में तेजी आएगी।
एक पीए स्टार्टअप के संस्थापक ने कहा, ‘अधिकांश फाइनैंशियल टेक्नॉलजी कंपनियां पीए लाइसेंस के साथ शुरुआत करती हैं और बाद में पीए-सीबी में विस्तार करती हैं। एक नियमित पीए लाइसेंस की जरूरतों का कम से कम 80 प्रतिशत, पीए-सीबी में भी समान ही होता है।’
उस व्यक्ति ने कहा कि पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त अधिकांश पीए पहले से ही घरेलू भुगतान के लिए रिजर्व बैंक के मानदंडों को पूरा करते हैं, इसलिए वे अन्य रेगुलेटेड बिजनेस लाइनों में अधिक तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि उनके प्रमुख अनुपालन वह पहले से ही कर रहे होते हैं। रिजर्व बैंक के ताजा दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पीए के पास निश्चित रूप से सर्टिफिकेट ऑफ अथराइजेशन (सीओए) होना चाहिए।
