इस साल सोना 65 बार पहुंचा सबसे हाई रेट पर, निफ्टी रह गया पीछे
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- October 13, 2025
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नई दिल्ली। शेयर बाजार 2024 में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के बाद 2025 में ठंडा पड़ा हुआ है। जबकि सोना-चांदी की कीमतों मेंं ज़बरदस्त तेजी दिखाई दे रही है। लेकिन अब भी एक्सपर्ट भारत के इक्विटी बाजार पर भरोसा जता रहे।
2024 में भारतीय शेयर बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया था। लेकिन 2025 में अब तक कमोडिटी यानी सोना-चांदी ने बाजी मार ली है। प्रमुख शेयर सूचकांक निफ्टी50 और सेंसेक्स ने अब तक कोई नया रिकॉर्ड नहीं बनाया है। निफ्टी50 ने 2024 में रिकॉर्ड 65 बार नई ऊंचाइयां छुई थीं, लेकिन 2025 में अब तक एक भी नया रिकॉर्ड नहीं बना है। इससे पहले 2016 में ऐसा हुआ था जब निफ्टी ने पूरे साल में कोई नई ऊंचाई नहीं छुई थी। पिछले 15 सालों में ऐसा केवल चार बार (2010, 2011, 2012 और 2016) हुआ है।
सोने-चांदी ने नया इतिहास रच दिया है?
इस साल सोना अब तक 65 बार नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जो इतिहास में दूसरी सबसे ज्यादा बार है। इससे पहले 1979 में सोना 57 बार नए रिकॉर्ड पर पहुंचा था। चांदी भी $50 के स्तर को पार कर चुकी है, जो अब तक तीसरी बार हुआ है।
Gold vs Nifty में किसने कितना रिटर्न दिया?
सोना: 53.09% की तेजी
चांदी: 74.65% का भारी उछाल
क्यों बढ़ रहा है सोने-चांदी में निवेश?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों और विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली के कारण निवेशक कमोडिटी की ओर झुक रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह जोखिम से भागने की स्थिति नहीं है, बल्कि सतर्कता के साथ पोर्टफोलियो में बदलाव किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि निवेशक अब ऐसे बाजारों को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां घरेलू मांग मजबूत है और कमाई में स्थिरता है। ऐसे में भारत जैसे देशों को प्राथमिकता मिल रही है। वहीं, जिन सेक्टर्स में वैल्यूएशन बहुत ऊंचा है या जो ज्यादा एक्सपोर्ट पर निर्भर हैं, वहां से निवेशक दूरी बना रहे हैं।
सोने-चांदी ने नया इतिहास रच दिया है?
इस साल सोना अब तक 65 बार नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जो इतिहास में दूसरी सबसे ज्यादा बार है। इससे पहले 1979 में सोना 57 बार नए रिकॉर्ड पर पहुंचा था। चांदी भी $50 के स्तर को पार कर चुकी है, जो अब तक तीसरी बार हुआ है।
Gold vs Nifty में किसने कितना रिटर्न दिया?
सोना: 53.09% की तेजी
चांदी: 74.65% का भारी उछाल
क्यों बढ़ रहा है सोने-चांदी में निवेश?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों और विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली के कारण निवेशक कमोडिटी की ओर झुक रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह जोखिम से भागने की स्थिति नहीं है, बल्कि सतर्कता के साथ पोर्टफोलियो में बदलाव किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि निवेशक अब ऐसे बाजारों को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां घरेलू मांग मजबूत है और कमाई में स्थिरता है। ऐसे में भारत जैसे देशों को प्राथमिकता मिल रही है। वहीं, जिन सेक्टर्स में वैल्यूएशन बहुत ऊंचा है या जो ज्यादा एक्सपोर्ट पर निर्भर हैं, वहां से निवेशक दूरी बना रहे हैं।
