नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने मध्य प्रदेश में मिलावटी कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में एक बाल रोग विशेषज्ञ की गिरफ्तारी की निंदा की है। संगठन ने इस गिरफ्तारी को पुलिस अधिकारियों की कानूनी निरक्षरता का बेजोड़ उदाहरण बताया है। आईएमए ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि डॉक्टर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया कि उसने यह कफ सिरफ मरीज को लिखा। यह दर्शाता है कि पुलिस अधिकारियों को कानून का ज्ञान ही नहीं है। संगठन ने असली अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और पीड़ितों के साथ ही गिरफ्तारी के चलते हुई बदनामी के लिए डॉक्टर को भी मुआवजा देने की मांग की। साथ ही डॉक्टर की गिरफ्तारी को नियाकम निकाय की गलती से जनता का ध्यान बंटाने का प्रयास बताया है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के परासिया थाने में डॉक्टर के साथ ही तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिककल्स के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं।