भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पहले अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का एम्स में निधन

 भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पहले अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का एम्स में निधन
नई दिल्ली। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 94 साल के थे। उनका जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में है। वीके मल्होत्रा दिल्ली के पूर्व मुख्य कार्यकारी पार्षद और सांसद रह चुके हैं। कुछ दिनों से वह एम्स में भर्ती थे। जहां उनका इलाज चल रहा था और आज सुबह लगभग 6 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस मौके पर दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ यह बताना पड़ रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा जी का आज प्रातः आकस्मिक निधन हो गया है। वह 94वें वर्ष के थे।आगे कहा कि प्रो. विजय मल्होत्रा जी का जीवन सादगी एवं जन सेवा को समर्पण की मिसाल रहा, उन्होने दिल्ली में संघ की विचारधारा के विस्तार के लिए जनसंघ काल से बहुत काम किया।
भाजपा कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरणा
उनका जीवन हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरणा देता रहा है और देता रहेगा। वीके मल्होत्रा के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर पोस्ट साझा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति एवं शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।मल्होत्रा ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ संघ से निकलकर जनसंघ के जरिए राजनीति में कदम रखा था। मल्होत्रा ने दिल्ली में संघ की विचारधारा के विस्तार के लिए जनसंघ काल से बहुत काम किया।मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर में हुआ था। वे कविराज खजान चंद की सात संतानों में चौथे थे। मल्होत्रा को एक भारतीय राजनीतिज्ञ और खेल प्रशासक के रूप में याद किया जाता है। मल्होत्रा दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष (1972-75) और दो बार दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (1977-80, 1980-84) चुने गए। मल्होत्रा का सक्रिय राजनीति में एक लंबा सफर रहा। उन्हें केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना के साथ कई साल तक दिल्ली में भाजपा को बचाए रखने का श्रेय दिया जाता है। उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक जीत 1999 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारी अंतर से हराना माना जाता है।