Navratr: आज नवरात्र अष्टमी पर कन्या पूजन, शोभन और शिववास योग में मां महागौरी की आराधना
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
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- September 30, 2025
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नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र अष्टमी तिथि पर आज शोभन और शिववास योग में मां महागौरी की पूजा और कन्या पूजन होगा। अगले दिन नवमी पर शिववास और रवि योग का संयोग बनेगा, जिसे शुभ और पुण्यकारी माना गया है।
नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के साथ ही आश्विन की अष्टमी तिथि पर आज शोभन और शिववास योग में कन्या पूजन किया जाएगा। शोभन योग देर रात 01:03 बजे तक रहेगा और शिववास योग संध्याकाल से शुरू होगा।
इन शुभ योग में देवी मां की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगले दिन एक अक्तूबर को नवमी तिथि में शिववास और रवि योग का संयोग बन रहा है। यह दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है। इस योग में किए गए कार्य दोगुना पुण्य प्रदान करते हैं।
अष्टमी और नवमी को कन्याओं का पूजन कर व्रत का पारण किया जाएगा। यही नहीं जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं, वे भी दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं और कंजक पूजा करते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि इस पर्व पर माता दुर्गा की अष्टमी और नवमी पर विशेष पूजा होती है। घरों में परंपरा के अनुसार भी पूजन होता है।
इन आज होगी मां के आठवें रूप महागौरी का पूजन
अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी का पूजन किया जाएगा। महागौरी की पूजा के बाद घर में नौ कन्याओं और एक बालक को घर पर आमंत्रित किया जाता है। सभी कन्याओं और बालक की पूजा करने के बाद उन्हें हल्वा, पूरी और चने का भोग दिया जाता है।
इसके अलावा उन्हें भेंट और उपहार देकर विदा किया जाता है। ज्योतिषाचार्य राजेश मिश्रा ने बताया कि कन्या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। आचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है।
इन शुभ योग में देवी मां की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगले दिन एक अक्तूबर को नवमी तिथि में शिववास और रवि योग का संयोग बन रहा है। यह दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है। इस योग में किए गए कार्य दोगुना पुण्य प्रदान करते हैं।
अष्टमी और नवमी को कन्याओं का पूजन कर व्रत का पारण किया जाएगा। यही नहीं जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं, वे भी दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं और कंजक पूजा करते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि इस पर्व पर माता दुर्गा की अष्टमी और नवमी पर विशेष पूजा होती है। घरों में परंपरा के अनुसार भी पूजन होता है।
इन आज होगी मां के आठवें रूप महागौरी का पूजन
अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी का पूजन किया जाएगा। महागौरी की पूजा के बाद घर में नौ कन्याओं और एक बालक को घर पर आमंत्रित किया जाता है। सभी कन्याओं और बालक की पूजा करने के बाद उन्हें हल्वा, पूरी और चने का भोग दिया जाता है।
इसके अलावा उन्हें भेंट और उपहार देकर विदा किया जाता है। ज्योतिषाचार्य राजेश मिश्रा ने बताया कि कन्या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। आचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है।
