पानी की बौछार और गर्जना के बीच मिग 21 आज रिटायर 

 पानी की बौछार और गर्जना के बीच मिग 21 आज रिटायर 
नई दिल्ली। मिग 21 आज रिटायर हो गया।  1965-1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1999 कारगिल युद्ध, बालाकोट स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर में भांरत का शौर्य बढ़ाने वाले जंगी जहाज को चंडीगढ़ में विदाई दी गई है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग 21 ने हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया है। अपने समय की तकनीक के हिसाब से मिग सबसे बेस्ट था। मिग को लंबे समय तक हमारी वायुसेना का भरोसा मिला। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसकी लिगेसी को सेलिब्रेट करें। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से मिग का सफर शुरू हुआ था। चंडीगढ़ उस गाैरवशाली पल का गवाह है। मिग को बर्ड ऑफ आल सीजन कहा जाता है, क्योंकि इसने हर समय अपनी उपयोगिता सिद्ध की। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिग 21 महज एक विमान नहीं है, यह भारत-रूस संबंधों का प्रमाण है।
कुल छह मिग विमान ने आसमान में आखिरी बार ताकत दिखाई। सातवीं महिला पायलट स्कवाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी मिग 21 उड़ाया। पैंथर फॉरमेशन के सभी विमान एयरबेस पर लौटे।
थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मिग-21 की विदाई को लेकर भावुक महसूस कर रहा हूं। यह बहुत ताकतवर था। पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि मिग 21 ने वायु सेना को बहुत मजबूत बनाए रखा। इसकी कमी खलेगी लेकिन समय के साथ-साथ नए जंगी जहाज भी ताकत बढ़ाएंगे। मिग की ताकत का लोहा दुश्मन भी मानता था और आज तक घबराता था।