कोलकाता में बारिश से भीषण तबाही, करंट से 10 लोगों की मौत, उड़ानें रद्द
- राष्ट्रीय
Political Trust
- September 24, 2025
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कोलकाता। कोलकाता में बारिश से भीषण तबाही मची है। पानी में करंट आने से 10 लोगों की मौत हो गई है। पश्चिम बंगाल में देर रात हुई भीषण बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। राजधानी कोलकाता समेत आसपास के इलाकों में जलभराव और करंट फैलने के कारण 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार सुबह इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें से 8 मौतें सिर्फ कोलकाता में हुईं, जहां लोग पानी में डूबी नंगी तारों की चपेट में आकर करंट से झुलस गए। फिलहाल संख्या और बढ़ने की आशंका है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन घटनाओं के लिए निजी बिजली आपूर्ति कंपनी सीईएससी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी ने ढांचा मजबूत करने पर ध्यान दिया होता, तो इन मौतों को रोका जा सकता था। वहीं, सीईएससी प्रबंधन ने सफाई देते हुए बताया कि आठ में से अधिकांश घटनाएं घरों के भीतर खराब वायरिंग के कारण हुईं। दो हादसे करंट लगने से और एक सिग्नल कियोस्क में हुआ। कंपनी ने कहा कि आगे और सतर्कता बरती जाएगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी लेकिन राज्य सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। इसी वजह से थोड़ी सी बारिश से कोलकाता डूब गया और कई लोगों की जान चली गई।
लगातार बारिश से कोलकाता पूरी तरह थम गया है। बुधवार सुबह के समय भी शहर की ज्यादातर सड़कें जलमग्न हैं, जिसके कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सियालदह और दक्षिणी रेलवे की कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और मेट्रो सेवाएं भी बाधित हुईं। हवाई अड्डे पर 60 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गईं जबकि 40 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई।
छह घंटे में 300 मिलीमीटर तक बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि कोलकाता ने पिछले 39 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शहर में छह घंटे में 300 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। गड़ियाहाट इलाके में 332 मिमी, जादवपुर पार्क में 285 मिमी और कालीघाट में 280 मिमी बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर एक घंटे में दो मिमी और बारिश होती, तो इसे बादल फटने की श्रेणी में रखा जा सकता था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन घटनाओं के लिए निजी बिजली आपूर्ति कंपनी सीईएससी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी ने ढांचा मजबूत करने पर ध्यान दिया होता, तो इन मौतों को रोका जा सकता था। वहीं, सीईएससी प्रबंधन ने सफाई देते हुए बताया कि आठ में से अधिकांश घटनाएं घरों के भीतर खराब वायरिंग के कारण हुईं। दो हादसे करंट लगने से और एक सिग्नल कियोस्क में हुआ। कंपनी ने कहा कि आगे और सतर्कता बरती जाएगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी लेकिन राज्य सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। इसी वजह से थोड़ी सी बारिश से कोलकाता डूब गया और कई लोगों की जान चली गई।
लगातार बारिश से कोलकाता पूरी तरह थम गया है। बुधवार सुबह के समय भी शहर की ज्यादातर सड़कें जलमग्न हैं, जिसके कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सियालदह और दक्षिणी रेलवे की कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और मेट्रो सेवाएं भी बाधित हुईं। हवाई अड्डे पर 60 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गईं जबकि 40 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई।
छह घंटे में 300 मिलीमीटर तक बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि कोलकाता ने पिछले 39 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शहर में छह घंटे में 300 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। गड़ियाहाट इलाके में 332 मिमी, जादवपुर पार्क में 285 मिमी और कालीघाट में 280 मिमी बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर एक घंटे में दो मिमी और बारिश होती, तो इसे बादल फटने की श्रेणी में रखा जा सकता था।
