कोलकाता में दुर्गा पूजा पंडाल देंगे महिला सशक्तिकरण और प्रदूषण जैसे विषयों का संदेश
- राष्ट्रीय
Political Trust
- September 22, 2025
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कोलकाता। कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडालों से इस साल विभिन्न सामाजिक विषयों संदेश दिया जाएगा। इनमें महिला सशक्तिकरण, सेना का सम्मान और नदी प्रदूषण शामिल हैं। समाजसेवी संघ ने 1946 की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दिखाई गई एकता और साहस को याद करते हुए अपने पंडाल की सजावटकी है। वहीं, अर्जुनपुर अमरा सबाई ने ‘मुखोमुखी’ नाम से एक ऐसा पंडाल बनाया है जहां लोग शीशों में खुद को देखकर आत्मचिंतन कर सकें।
कोलकाता दुर्गा पूजा पंडाल इस साल सामाजिक मुद्दों पर अलग-अलग थीम पेश कर रहे हैं। इनमें महिला सशक्तिकरण, भारतीय सेना का सम्मान और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दे शामिल हैं। दक्षिण कोलकाता के लेक इलाके में पूरण दास रोड पर हिंदुस्तान पार्ट में समाजसेवी संघ ने 1946 की अपनी पहली दुर्गा पूजाकी याद ताजा की है। उस समय यानी 16 अगस्त 1946 को कोलकाता के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी। लेकिन इस इलाके के लोगों ने शांति और एकता बनाए रखी थी। अब उसी इतिहास को पंडाल में फ्लेक्स और मॉडल के जरिए दिखाया गया है।
समाजसेवा संघ के वरिष्ठ सदस्य अरिजित मोइत्रा ने बताया, उस समय हमारे इलाके ने हाथ में हथियार नहीं थे, बल्कि लोगों ने एक-दूसरे का हाथ थामा था। स्वतंत्रता सेनानी लीला रॉय के कहने पर इस संस्था की शुरुआत हुई थी और उसी साल पहली पूजा की गई थी। लीला रॉय एक वामपंथी विचारधारा वाली नेता थीं और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की करीबी मानी जाती थीं। इस साल की पूजा उन संस्थापक सदस्यों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने 1946 में हिंसा के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
समाजसेवा संघ के वरिष्ठ सदस्य अरिजित मोइत्रा ने बताया, उस समय हमारे इलाके ने हाथ में हथियार नहीं थे, बल्कि लोगों ने एक-दूसरे का हाथ थामा था। स्वतंत्रता सेनानी लीला रॉय के कहने पर इस संस्था की शुरुआत हुई थी और उसी साल पहली पूजा की गई थी। लीला रॉय एक वामपंथी विचारधारा वाली नेता थीं और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की करीबी मानी जाती थीं। इस साल की पूजा उन संस्थापक सदस्यों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने 1946 में हिंसा के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे।
