शारदीय नवरात्रि आज से शुभ योग में शुरू, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

 शारदीय नवरात्रि आज से शुभ योग में शुरू, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
नई दिल्ली। आज आश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो सुख-समृद्धि, राष्ट्र उन्नति और कल्याण का प्रतीक है। इसके अलावा इस तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिन की होगी
इस साल शारदीय नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिन की होगी। नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होगी। तृतीया तिथि का व्रत 24 और 25 सितंबर को रखा जाएगा। इस बार तृतीया तिथि दो दिन रहेगी, जिससे शारदीय नवरात्रि में एक दिन की वृद्धि होगी। नवरात्रि में बढ़ती तिथि को शुभ माना जाता है, जबकि घटती तिथि को अशुभ, नवरात्रि में बढ़ती तिथि शक्ति, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
मां शैलपुत्री की आराधना का मंत्र
पूजन के दौरान इस मंत्र का जाप करने से मां शैलपुत्री की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः।
मां शैलपुत्री की पौराणिक कथा
माता शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना गया है। पूर्व जन्म में वे राजा दक्ष की कन्या सती थीं, जिन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था। दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में शिव का अपमान देख सती ने आत्मदाह कर लिया। इसके बाद भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ ध्वस्त कर दिया और सती के शरीर को लेकर विचरण करने लगे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के 51 अंग विभक्त किए, जो शक्तिपीठ कहलाए। इसके उपरांत सती ने हिमालय के घर जन्म लेकर शैलपुत्री के रूप में अवतार लिया।
प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजाविधि
स्नान-ध्यान कर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें। कलश स्थापना के बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर अक्षत रखें और उस पर मां शैलपुत्री का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से उनका अभिषेक करें। लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल चंदन और लाल फल अर्पित करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है। अंत में माता की आरती कर प्रसन्न करें।