केरल में दिमागी अमीबा का कहर, अब तक 20 की मौत
- दिल्ली राष्ट्रीय स्वास्थ्य
Political Trust
- September 18, 2025
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तिरुवनंतपुरम। केरल में दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाली ब्रेन-ईटिंग अमीबा बीमारी तेजी से फैल रही है। इस साल अब तक 61 मामले सामने आए हैं, जिनमें 20 लोगों की मौत हो चुकी है। नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा से फैलने वाली यह बीमारी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपनी चपेट में ले रही है। राज्य में हाई अलर्ट जारी कर सभी अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
केरल में ब्रेन ईटिंग यानी मस्तिष्क खाने वाली बीमारी अमीबा तेजी से फैल रही है। यह मस्तिष्क में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है और इससे पीड़ित मरीज को समय पर इलाज न मिले तो उसकी मौत हो जाती है। यह संक्रमण नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा से होता है जो दिमाग में गंभीर सूजन और नुकसान करता है।
अमीबा एक तरह का छोटा जीव है जो इंसान के दिमाग पर हमला करता है। इसकी कई प्रजातियां हैं और नदियों, तालाबों, मीठे पानी की झीलों, पोखरों, पानी के गड्ढों आदि में पाई जाती हैं। इसके संक्रमण से दिमागी बुखार होता है जिसे अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस कहते हैं। इसके संक्रमण से दिमाग में सूजन हो जाता है। मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। वह बार-बार बेहोश होता है और कभी-कभी कोमा में चला जाता है। लकवा का खतरा भी बढ़ जाता है। बीमारी बहुत तेजी से फैलकर जानलेवा साबित हो सकती है। इसी कारण से इसे ब्रेन ईटिंग अमीबा यानी दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है। गर्दन में अकड़न, सिरदर्द, मतली और उल्टी आना इसके प्रारंभिक लक्षण हैं।
बुजुर्ग से लेकर बच्चों तक को खतरा
इस बीमारी के फैलने से केरल में हड़कंप मचा है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अपनी निगरानी बढ़ा दी। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि इस बीमारी के मामले पूरे राज्य में छिटपुट रूप से सामने आ रहे हैं। तीन महीने के शिशु से लेकर 91 साल के वृद्ध तक इसके शिकार हो रहे हैं। सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी अस्पतालों को हर संदिग्ध मामले की सख्त जांच करने के निर्देश दिए हैं।
अमीबा एक तरह का छोटा जीव है जो इंसान के दिमाग पर हमला करता है। इसकी कई प्रजातियां हैं और नदियों, तालाबों, मीठे पानी की झीलों, पोखरों, पानी के गड्ढों आदि में पाई जाती हैं। इसके संक्रमण से दिमागी बुखार होता है जिसे अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस कहते हैं। इसके संक्रमण से दिमाग में सूजन हो जाता है। मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। वह बार-बार बेहोश होता है और कभी-कभी कोमा में चला जाता है। लकवा का खतरा भी बढ़ जाता है। बीमारी बहुत तेजी से फैलकर जानलेवा साबित हो सकती है। इसी कारण से इसे ब्रेन ईटिंग अमीबा यानी दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है। गर्दन में अकड़न, सिरदर्द, मतली और उल्टी आना इसके प्रारंभिक लक्षण हैं।
बुजुर्ग से लेकर बच्चों तक को खतरा
इस बीमारी के फैलने से केरल में हड़कंप मचा है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अपनी निगरानी बढ़ा दी। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि इस बीमारी के मामले पूरे राज्य में छिटपुट रूप से सामने आ रहे हैं। तीन महीने के शिशु से लेकर 91 साल के वृद्ध तक इसके शिकार हो रहे हैं। सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी अस्पतालों को हर संदिग्ध मामले की सख्त जांच करने के निर्देश दिए हैं।