अमेरिकी मुख्य वार्ताकार के भारत दौरे से पहले व्यापार सलाहकार ने उगला जहर, ‘रूसी तेल खरीदकर किया अनुचित व्यापार’
वॉशिंगटन। अमेरिका के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने कहा कि भारत रूसी तेल से मुनाफा कमाकर युद्ध में फंडिंग कर रहा है। उन्होंने भारत की व्यापार नीतियों को अनुचित और टैरिफ को बहुत ऊंचा बताया। इसी बीच, अमेरिकी वार्ताकार ब्रेंडन लिंच 15 सितंबर को भारत पहुंचेंगे।
अमेरिका के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के भारत दौरे से पहले व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को एक बार व्यापार नीतियों को लेकर नई दिल्ली को निशाना बनाया। टेलीविजन चैनल सीएनबीसी इंटरनेशनल के साथ बातचीत में नवारो ने कहा, युद्ध के तुरत बाद ही भारत के रिफाइनर रूस के रिफानरों के साथ जुड़े थे। वे हमारे खिलाफ अनुचित व्यापार के जरिये पैसे कमाते थे और कई कामगारों को नुकसान होता था। वे इस पैसे का उपयोग रूसी तेल खरीदने में करते हैं और रूस इसे हथियार खरीदने में करता है।
उन्होंने कहा, भारत बातचीत के लिए आ रहा है लेकिन व्यापार के मामले में उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं। वह 15 सितंबर की रात भारत पहुंचेंगे। उनकी भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल से बैठक होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अग्रवाल ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत को तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने लिंच के एक दिन के दौरे की पुष्टि की।
अमेरिकी टीम का दौरा पहले 25 से 29 अगस्त के बीच तय था। लेकिन रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए। जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गए। इन भारी टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिला।
उन्होंने कहा, भारत बातचीत के लिए आ रहा है लेकिन व्यापार के मामले में उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं। वह 15 सितंबर की रात भारत पहुंचेंगे। उनकी भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल से बैठक होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अग्रवाल ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत को तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने लिंच के एक दिन के दौरे की पुष्टि की।
अमेरिकी टीम का दौरा पहले 25 से 29 अगस्त के बीच तय था। लेकिन रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए। जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गए। इन भारी टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिला।
