सॉरी! हम दुनिया छोड़ रहे’, 13वीं मंजिल से कूदकर मां-बेटे ने दे दी जान
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- September 13, 2025
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित ऐस सिटी सोसाइटी में शनिवार सुबह 13वीं मंजिल से कूदकर मां और बेटे ने अपनी जान दे दी। घटना में 37 वर्षीय साक्षी चावला और उनका 11 वर्षीय बेटा दक्ष चावला की मौके पर मौत हो गई। मां-बेटे का शव सोसाइटी के नीचे खून से लथपथ पड़ा देख लोगों के होश उड़ गए। सूचना मिलते ही बिसरख थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे अचानक सोसाइटी में जोरदार चीख सुनाई दी। सभी लोग घबराकर बालकनी और खिड़कियों से झांकने लगे। तभी लोगों ने देखा कि एक महिला और बच्चा नीचे जमीन पर गिरे पड़े हैं। दोनों की हालत बेहद गंभीर थी और कुछ ही सेकंड में उनकी मौत हो गई। इसके बाद पूरे सोसाइटी में अफरा-तफरी मच गई।
हम दुनिया छोड़ रहे हैं…
पुलिस ने जब मृतका के घर की तलाशी ली तो वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इस पत्र में साक्षी ने अपने पति दर्पण चावला के नाम लिखा था कि “हम दुनिया छोड़ रहे हैं… सॉरी। हम तुम्हें अब और परेशान नहीं करना चाहते। हमारी वजह से तुम्हारी जिंदगी खराब न हो। हमारी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है।” सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या की दिशा में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
मानसिक रूप से विक्षिप्त था बच्चा, मां तनाव में
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि मृतक बच्चा दक्ष मानसिक रूप से विक्षिप्त था। इस वजह से उसका इलाज लंबे समय से चल रहा था। परिजनों ने कई डॉक्टरों को दिखाया, यहां तक कि गुरुद्वारों में अरदास कराई, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। बच्चा स्कूल नहीं जाता था और अक्सर दवाइयों पर ही निर्भर रहता था। इस कारण उसकी मां साक्षी चावला लंबे समय से मानसिक तनाव में थीं। पड़ोसी बताते हैं कि वह कई बार कहती थीं कि मेरी जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई है।
पुलिस जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन सुबह करीब 9 बजे दर्पण चावला उठे और उन्होंने अपनी पत्नी से बेटे को दवा देने के लिए कहा। इसके बाद साक्षी ने बच्चे को उठाया, दवा दी और उसे बालकनी में टहलाने लगीं। पति दूसरे कमरे में जाकर आराम करने लगे। कुछ देर बाद अचानक महिला और बच्चा 13वीं मंजिल से नीचे गिर गए।
एडीसीपी सेंट्रल नोएडा शैव्या गोयल ने बताया बिसरख थाना क्षेत्र की ऐस सिटी सोसाइटी की 13वीं मंजिल से कूदकर मां-बेटे ने आत्महत्या की है। बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त था और इसी बात को लेकर मां परेशान रहती थी। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हैंडराइटिंग और अन्य परिस्थितियों की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने मृतका के परिजनों और सोसाइटी निवासियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इसके पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं है।
हम दुनिया छोड़ रहे हैं…
पुलिस ने जब मृतका के घर की तलाशी ली तो वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इस पत्र में साक्षी ने अपने पति दर्पण चावला के नाम लिखा था कि “हम दुनिया छोड़ रहे हैं… सॉरी। हम तुम्हें अब और परेशान नहीं करना चाहते। हमारी वजह से तुम्हारी जिंदगी खराब न हो। हमारी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है।” सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या की दिशा में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
मानसिक रूप से विक्षिप्त था बच्चा, मां तनाव में
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि मृतक बच्चा दक्ष मानसिक रूप से विक्षिप्त था। इस वजह से उसका इलाज लंबे समय से चल रहा था। परिजनों ने कई डॉक्टरों को दिखाया, यहां तक कि गुरुद्वारों में अरदास कराई, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। बच्चा स्कूल नहीं जाता था और अक्सर दवाइयों पर ही निर्भर रहता था। इस कारण उसकी मां साक्षी चावला लंबे समय से मानसिक तनाव में थीं। पड़ोसी बताते हैं कि वह कई बार कहती थीं कि मेरी जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई है।
पुलिस जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन सुबह करीब 9 बजे दर्पण चावला उठे और उन्होंने अपनी पत्नी से बेटे को दवा देने के लिए कहा। इसके बाद साक्षी ने बच्चे को उठाया, दवा दी और उसे बालकनी में टहलाने लगीं। पति दूसरे कमरे में जाकर आराम करने लगे। कुछ देर बाद अचानक महिला और बच्चा 13वीं मंजिल से नीचे गिर गए।
एडीसीपी सेंट्रल नोएडा शैव्या गोयल ने बताया बिसरख थाना क्षेत्र की ऐस सिटी सोसाइटी की 13वीं मंजिल से कूदकर मां-बेटे ने आत्महत्या की है। बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त था और इसी बात को लेकर मां परेशान रहती थी। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हैंडराइटिंग और अन्य परिस्थितियों की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने मृतका के परिजनों और सोसाइटी निवासियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इसके पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं है।