देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लगाए जाएंगे ऑयल और शुगर बोर्ड; छात्रों को दी जाएगी सेहत की जानकारी
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 12, 2025
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नई दिल्ली। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऑयल एंड शुगर बोर्ड लगाए जाएँ, जिससे कि छात्रों को तेल और चीनी के सेवन के लाभ और हानि के बारे में जागरूक किया जा सके।
देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विद्यार्थी अब पिज्जा, समोसा, पकौड़ा, चिप्स, फ्रेंच फाइज, बर्गर खाने से तेल और शुगर की कितनी मात्रा ली, वह जानेंगे। छात्र-छात्राओं को लाइफस्टाइल संबंधित बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से स्वस्थ भोजन खाने से जोड़ने के लिए जागरुकता अभियान शुरू किया जा रहा।
जंक फूड की बोतल और पैकेट का डिस्पले भी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को हॉस्टल, कैंटीन, मेस, कक्षाओं और कॉरिडोर में ऑयल और शुगर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। डिब्बाबंद भोजन और जंक फूड की बोतल और पैकेट का डिस्पले भी होगा।
इसमें जानकारी होगी कि किसमें कितना ऑयल और शुगर है। यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष जोशी ने राज्यों के सचिव और मेडिकल, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, विश्वविद्यालयों, मैनेजमेंट कॉलेजों के निदेशकों और कुलपतियों को पत्र लिखा है।
इसमें लिखा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के अनुसार युवा पीढ़ी खान-पान की गलत आदतों की वजह से टाइप टू डाइबटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे। इनसे बचाव को जागरुकता ही बचाव ऑयल और शुगर बोर्ड में रोजमर्रा खाद्य पदार्थों में छिपे बसा और शुगर के बारे में जानकारी होगी।
हरी सब्जियां, फल खाने के लिए प्रेरित
फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन आवश्यक पोषक तत्व प्रदान और तृप्ति को बढ़ावा देता है। वहीं, डिब्बाबंद और शुगर वाले खाद्य पदार्थों में पोषण नहीं होता है। ये वजन बढ़ाते हैं। युवाओं में स्वस्थ आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देना जरूरी है।
पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुहैया कराने होंगे
पत्र में कहा गया है कि विद्यार्थियों को हरी सब्जियां और फल खाने के लिए प्रेरित करें। कैंपस में जंक के बजाय पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुहैया कराने होंगे। इसमें पोहा, सागुदाना, भूना चना, मखाना, कोर्न, मूंगफली आदि हो सकता है। कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा जूस, नारियल पानी, नींबू पानी आदि हो सकते हैं।
जंक फूड की बोतल और पैकेट का डिस्पले भी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को हॉस्टल, कैंटीन, मेस, कक्षाओं और कॉरिडोर में ऑयल और शुगर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। डिब्बाबंद भोजन और जंक फूड की बोतल और पैकेट का डिस्पले भी होगा।
इसमें जानकारी होगी कि किसमें कितना ऑयल और शुगर है। यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष जोशी ने राज्यों के सचिव और मेडिकल, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, विश्वविद्यालयों, मैनेजमेंट कॉलेजों के निदेशकों और कुलपतियों को पत्र लिखा है।
इसमें लिखा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के अनुसार युवा पीढ़ी खान-पान की गलत आदतों की वजह से टाइप टू डाइबटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे। इनसे बचाव को जागरुकता ही बचाव ऑयल और शुगर बोर्ड में रोजमर्रा खाद्य पदार्थों में छिपे बसा और शुगर के बारे में जानकारी होगी।
हरी सब्जियां, फल खाने के लिए प्रेरित
फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन आवश्यक पोषक तत्व प्रदान और तृप्ति को बढ़ावा देता है। वहीं, डिब्बाबंद और शुगर वाले खाद्य पदार्थों में पोषण नहीं होता है। ये वजन बढ़ाते हैं। युवाओं में स्वस्थ आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देना जरूरी है।
पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुहैया कराने होंगे
पत्र में कहा गया है कि विद्यार्थियों को हरी सब्जियां और फल खाने के लिए प्रेरित करें। कैंपस में जंक के बजाय पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुहैया कराने होंगे। इसमें पोहा, सागुदाना, भूना चना, मखाना, कोर्न, मूंगफली आदि हो सकता है। कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा जूस, नारियल पानी, नींबू पानी आदि हो सकते हैं।