अफगानिस्तान में भूकंप से 49 गांवों में हजारों घर तबाह, 362 गांवों तक नहीं पहुंची मदद
- राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- September 9, 2025
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काबुल। अफगानिस्तान की पहाड़ी घाटियां अब बरसात, भूस्खलन और बर्फबारी के खतरे में हैं। राहत कार्य तेजी से नहीं हुए, तो प्रभावित लोग भूख, बीमारियों और ठंड से मरेंगे। संयुक्त राष्ट्र की इस चेतावनी के साथ साफ है कि यह केवल भूकंप की त्रासदी नहीं, बल्कि एक आने वाली मानवीय आपदा का संकेत भी है।
अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 49 गांवों में 5230 घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं और 672 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। लेकिन 441 प्रभावित गांवों में से 362 गांवों तक अभी तक राहत और बचाव टीमें पहुंच ही नहीं पाई हैं।
31 अगस्त को आया था विनाशकारी भूकंप
बता दें कि, यह भूकंप 31 अगस्त को आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.0 मापी गई। अब तक कम से कम 2,200 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे मलबे से शव निकाले जाएंगे, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इस आपदा से लगभग पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं। इनमें कई ऐसे शरणार्थी भी शामिल हैं जिन्हें हाल ही में पाकिस्तान और ईरान से जबरन वापस भेजा गया था।
31 अगस्त को आया था विनाशकारी भूकंप
बता दें कि, यह भूकंप 31 अगस्त को आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.0 मापी गई। अब तक कम से कम 2,200 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे मलबे से शव निकाले जाएंगे, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इस आपदा से लगभग पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं। इनमें कई ऐसे शरणार्थी भी शामिल हैं जिन्हें हाल ही में पाकिस्तान और ईरान से जबरन वापस भेजा गया था।