RBI का बड़ा फैसला : बदल जाएगी चेक भुगतान की प्रक्रिया, अब कुछ घंटे में हो जाएंगे क्लियर
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- August 14, 2025
- 0
- 91
- 1 minute read

नई दिल्ली। चेक भुगतान की प्रक्रिया में 4 अक्तूबर 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जहां पहले चेक भुगतान के लिए एक-दो दिन इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब यह काम कुछ घंटों में होगा। इससे व्यापारियों, वेतन पाने वाले कर्मचारियों और आम लोगों, सभी को तेजी और सुविधा मिलेगी।
बैंक में चेक जमा करने के बाद अब भुगतान के लिए दो दिन तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक नई व्यवस्था लागू करने का एलान किया है, जिसके तहत 4 अक्तूबर 2025 से चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। यह सुविधा पूरे देश में लागू होगी।
अभी होता था ये
अभी चेक ट्रंकशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत चेक क्लियरिंग में एक से दो कार्यदिवस लग जाते हैं। बैंक चेकों को दिन में एक तय समय पर बैच में प्रोसेस करते हैं, जिससे भुगतान में देरी हो जाती है।
नई व्यवस्था में क्या बदलेगा?
आरबीआई अब ‘निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान’ प्रणाली लागू कर रहा है। इसका मतलब है कि चेक जमा होते ही स्कैन करके तुरंत क्लियरिंग हाउस भेज दिए जाएंगे और दिनभर लगातार प्रोसेस होंगे। चेक क्लियरिंग का समय T+1 दिन से घटकर कुछ घंटे हो जाएगा। इसके साथ ही चेक क्लियरिंग का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। जबकि चेक प्राप्त करने वाला बैंक तय समय में यह पुष्टि करेगा कि चेक पास हुआ या बाउंस।
दो चरणों में लागू होगी प्रणाली
पहला चरण: 4 अक्तूबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक – बैंकों को शाम सात बजे तक चेक की स्थिति (पास/बाउंस) बतानी होगी। वहीं अगर बैंक जवाब नहीं देगा, तो चेक को ऑटोमेटिक पास माना जाएगा और भुगतान हो जाएगा।
दूसरा चरण: 3 जनवरी 2026 से – हर चेक को जमा होने के तीन घंटे के अंदर कन्फर्म करना होगा। उदाहरण के लिए- अगर 10 से 11 बजे के बीच चेक जमा हुआ तो बैंक को दो बजे तक जवाब देना होगा। तीन घंटे में जवाब न मिलने पर चेक को पास मानकर भुगतान कर दिया जाएगा।
ग्राहकों को कब मिलेगा पैसा?
जैसे ही बैंक चेक पास करेगा और सेटलमेंट पूरा होगा, एक घंटे के अंदर आपके खाते में पैसा आ जाएगा। अगर चेक बाउंस होता है, तो यह जानकारी भी तुरंत मिल जाएगी।
आरबीआई का क्या है उद्देश्य?
चेक क्लियरिंग की प्रक्रिया में बदवाल का उद्देश्य चेक क्लियरिंग की गति बढ़ाना, बैंकों और ग्राहकों दोनों के लिए सुविधा बढ़ाना है। इसके साथ ही फंड्स ट्रांसफर में होने वाली देरी को खत्म करने के साथ-साथ धोखाधड़ी और सेटलमेंट रिस्क को कम करना है।
अभी होता था ये
अभी चेक ट्रंकशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत चेक क्लियरिंग में एक से दो कार्यदिवस लग जाते हैं। बैंक चेकों को दिन में एक तय समय पर बैच में प्रोसेस करते हैं, जिससे भुगतान में देरी हो जाती है।
नई व्यवस्था में क्या बदलेगा?
आरबीआई अब ‘निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान’ प्रणाली लागू कर रहा है। इसका मतलब है कि चेक जमा होते ही स्कैन करके तुरंत क्लियरिंग हाउस भेज दिए जाएंगे और दिनभर लगातार प्रोसेस होंगे। चेक क्लियरिंग का समय T+1 दिन से घटकर कुछ घंटे हो जाएगा। इसके साथ ही चेक क्लियरिंग का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। जबकि चेक प्राप्त करने वाला बैंक तय समय में यह पुष्टि करेगा कि चेक पास हुआ या बाउंस।
दो चरणों में लागू होगी प्रणाली
पहला चरण: 4 अक्तूबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक – बैंकों को शाम सात बजे तक चेक की स्थिति (पास/बाउंस) बतानी होगी। वहीं अगर बैंक जवाब नहीं देगा, तो चेक को ऑटोमेटिक पास माना जाएगा और भुगतान हो जाएगा।
दूसरा चरण: 3 जनवरी 2026 से – हर चेक को जमा होने के तीन घंटे के अंदर कन्फर्म करना होगा। उदाहरण के लिए- अगर 10 से 11 बजे के बीच चेक जमा हुआ तो बैंक को दो बजे तक जवाब देना होगा। तीन घंटे में जवाब न मिलने पर चेक को पास मानकर भुगतान कर दिया जाएगा।
ग्राहकों को कब मिलेगा पैसा?
जैसे ही बैंक चेक पास करेगा और सेटलमेंट पूरा होगा, एक घंटे के अंदर आपके खाते में पैसा आ जाएगा। अगर चेक बाउंस होता है, तो यह जानकारी भी तुरंत मिल जाएगी।
आरबीआई का क्या है उद्देश्य?
चेक क्लियरिंग की प्रक्रिया में बदवाल का उद्देश्य चेक क्लियरिंग की गति बढ़ाना, बैंकों और ग्राहकों दोनों के लिए सुविधा बढ़ाना है। इसके साथ ही फंड्स ट्रांसफर में होने वाली देरी को खत्म करने के साथ-साथ धोखाधड़ी और सेटलमेंट रिस्क को कम करना है।