new Income Tax Bill महज तीन मिनट में पास, जानें क्या हुआ बदलाव

 new Income Tax Bill महज तीन मिनट में पास, जानें क्या हुआ बदलाव
नई दिल्ली। पुराने आयकर कानून को बदलने के लिए लाया गया नया आयकर विधेयक 2025 आज सोमवार को लोकसभा में बिना किसी बहस के मात्र तीन मिनट में पास हो गया। यह बिल एक व्यक्तियों और कंपनियों के लिए आयकर कानून में बदलाव से जुड़ा प्रमुख विधायी कदम है।
63 साल पुराने आयकर कानून को बदलने के लिए लाया गया नया आयकर विधेयक (संख्या 2) 2025 सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया।
पुराने कानून को सुव्यवस्थित करने का दावा
नए आयकर विधेयक में टीडीएस, छूट और अन्य जटिल अनुपालनों को सुव्यवस्थित करने की बात कही गई है। यह बिल देरी से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के मामलों में भी बिना किसी दंड के रिफंड का दावा करने की अनुमति देता है। नया संशोधित आयकर बिल लोकसभा में ऐसे समय में पारित किया गया जब विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में बरती जा रही अनियमितताओं के आरोपों के विरोध में हंगामा कर रहे थे।
सिफारिशों के साथ लाया गया नया आयकर विधेयक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर विधेयक फरवरी 2025 में लोकसभा में पेश किया था। उसके बाद इस बिल को प्रवर समिति को भेज दिया गया था। प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद 8 अगस्त को सरकार ने आयकर विधेयक वापस ले लिया और सोमवार को एक संशोधित विधेयक सदन में पेश किया। इस विधेयक में संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया था। इस बिल पर विपक्ष के हंगामे के बीच मतदान हुआ और यह ध्वनिमत से पारित हो गया।
राज्यसभा में पेश होगा बिल
अब यह विधेयक राज्यसभा में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा और उसके बाद यह राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही नया आयकर बिल कानून बन जाएगा। सरकार के अनुसार, नया आयकर विधेयक वर्तमान आयकर अधिनियम के आकार को घटाकर इसकी जटिलता कम करता है। इस बिल में प्रभावी धाराओं और अध्यायों की संख्या में भारी कटौती  की गई है, इससे इसकी शब्द संख्या लगभग आधी रह गई है।
आयकर (संख्या 2) विधेयक के उद्देश्यों व इसे लाने के कारणों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशें सरकार द्वारा स्वीकार कर ली गई हैं। इसके अतिरिक्त, हितधारकों से ऐसे परिवर्तनों के बारे में सुझाव प्राप्त हुए हैं जो प्रस्तावित कानून  को अधिक सटीक रूप से व्यक्त करेंगे।”
देरी से आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को मिलेगी यह राहत
यह कर निर्धारण वर्ष और पिछले वर्ष (Previous Year) की भ्रामक अवधारणाओं को दूर करता है। इन शब्दों को समझने में आसान ‘कर वर्ष’ से बदल दिया गया है। संशोधित विधेयक के अनुसार, ऐसे लोगों को भी टीडीएस रिफंड का दावा करने की अनुमति होगी, जिन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए निर्धारित समयसीमा के बाद रिटर्न दाखिल की हो।
वित्त मंत्रालय ने मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान को भी नए आयकर विधेयक में शामिल किया है। आयकर (संख्या 2) विधेयक में किसी भी वित्तीय संस्थान की ओर से वित्तपोषित शिक्षा प्रयोजनों के लिए दिए गए धन (एलआरएस) पर ‘शून्य’ टीसीएस का प्रावधान किया गया है।