सुपरमार्केंट और किराना दुकानों में 3 अरब का UPI लेनदेन, 64,882 करोड़ रुपये का कारोबार
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- August 11, 2025
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नई दिल्ली। यूपीआई से किए जाने वाले प्रमुख भुगतान श्रेणियों में राशन, रेस्तरां, दवा, ईंधन, बेकरी और बिजली, गैस, पानी, स्वच्छता जैसी जरूरी सेवाएं शामिल हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने यानी जुलाई में किराना दुकानों और सुपरमार्केट में 64,881.98 करोड़ रुपये के तीन अरब से अधिक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आधारित लेनदेन किए गए। भुगतान निकाय ने पहली बार इस तरह के आंकड़े साझा किए हैं, जिसमें इतने विस्तृत तरीके से श्रेणीवार संख्या बताई गई है।
पिछले महीने मात्रा के लिहाज से इस श्रेणी की हिस्सेदारी सभी यूपीआई पीयर-टु-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की करीब एक चौथाई रही। इसके अलावा, सूची में ऋण वसूली एजेंसियां मूल्य के लिहाज से शीर्ष पर रहीं, जिन्होंने 16.13 करोड़ लेनदेन के जरिये 93,857 करोड़ रुपये की वसूली की। यह वास्तविक समय भुगतान प्रणाली के उपयोग के नए मामलों को दर्शाता है।
एनपीसीआई समय-समय पर नए डेटा प्वाइंट जारी करता है। ऐसा करने का एक बड़ा कारण बैंकों और फिनटेक सहित सभी वित्तीय कंपनियों को परिवेश की स्थिति के बारे में जानकारी देना है। शीर्ष खुदरा भुगतान निकाय ने हाल ही में यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य पर राज्यों के अनुसार भी आंकड़े जारी किए हैं।
जुलाई में यूपीआई के जरिये 25.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 19.46 अरब लेनदेन किए गए। कुल लेनदेन की संख्या में 63.63 फीसदी भुगतान व्यापारियों को किए गए और शेष भुगतान लोगों ने एक-दूसरे को किए। जुलाई में व्यापारियों की लेनदेन की संख्या 12.38 अरब और मूल्य करीब 7.34 लाख करोड़ रुपये रहा। मगर 3.48 लाख करोड़ रुपये के करीब 2.26 अरब लेनदेन अन्य को किए गए, जो दर्शाता है कि इनमें विभिन्न अन्य व्यापारी श्रेणियां शामिल हो सकती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह कुल पीटुएम मात्रा का सिर्फ 18.3 फीसदी है, लेकिन मूल्य के लिहाज से यह करीब 47.5 फीसदी पीटुएम लेनदेन को दर्शाता है। यूपीआई से किए जाने वाले प्रमुख भुगतान श्रेणियों में राशन, रेस्तरां, दवा, ईंधन, बेकरी और बिजली, गैस, पानी, स्वच्छता जैसी जरूरी सेवाएं शामिल हैं। हर 10 में सात यूपीआई लेनदेन इन्हीं में से किसी श्रेणी के लिए किया जाता है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के प्रबंध निदेशक और पार्टनर विवेक मांधाता ने कहा, ‘सबसे ज्यादा लेनदेन वाली श्रेणियां रोजमर्रा के खर्च पर है। यह ऐसी श्रेणी हैं जहां आप आसानी से लेनदेन होते हुए देख रहे हैं।
पिछले महीने मात्रा के लिहाज से इस श्रेणी की हिस्सेदारी सभी यूपीआई पीयर-टु-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की करीब एक चौथाई रही। इसके अलावा, सूची में ऋण वसूली एजेंसियां मूल्य के लिहाज से शीर्ष पर रहीं, जिन्होंने 16.13 करोड़ लेनदेन के जरिये 93,857 करोड़ रुपये की वसूली की। यह वास्तविक समय भुगतान प्रणाली के उपयोग के नए मामलों को दर्शाता है।
एनपीसीआई समय-समय पर नए डेटा प्वाइंट जारी करता है। ऐसा करने का एक बड़ा कारण बैंकों और फिनटेक सहित सभी वित्तीय कंपनियों को परिवेश की स्थिति के बारे में जानकारी देना है। शीर्ष खुदरा भुगतान निकाय ने हाल ही में यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य पर राज्यों के अनुसार भी आंकड़े जारी किए हैं।
जुलाई में यूपीआई के जरिये 25.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 19.46 अरब लेनदेन किए गए। कुल लेनदेन की संख्या में 63.63 फीसदी भुगतान व्यापारियों को किए गए और शेष भुगतान लोगों ने एक-दूसरे को किए। जुलाई में व्यापारियों की लेनदेन की संख्या 12.38 अरब और मूल्य करीब 7.34 लाख करोड़ रुपये रहा। मगर 3.48 लाख करोड़ रुपये के करीब 2.26 अरब लेनदेन अन्य को किए गए, जो दर्शाता है कि इनमें विभिन्न अन्य व्यापारी श्रेणियां शामिल हो सकती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह कुल पीटुएम मात्रा का सिर्फ 18.3 फीसदी है, लेकिन मूल्य के लिहाज से यह करीब 47.5 फीसदी पीटुएम लेनदेन को दर्शाता है। यूपीआई से किए जाने वाले प्रमुख भुगतान श्रेणियों में राशन, रेस्तरां, दवा, ईंधन, बेकरी और बिजली, गैस, पानी, स्वच्छता जैसी जरूरी सेवाएं शामिल हैं। हर 10 में सात यूपीआई लेनदेन इन्हीं में से किसी श्रेणी के लिए किया जाता है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के प्रबंध निदेशक और पार्टनर विवेक मांधाता ने कहा, ‘सबसे ज्यादा लेनदेन वाली श्रेणियां रोजमर्रा के खर्च पर है। यह ऐसी श्रेणी हैं जहां आप आसानी से लेनदेन होते हुए देख रहे हैं।