आरबीआई ने रीपो रेट में नहीं किया बदलाव, ब्याज दर भी स्थिर

 आरबीआई ने रीपो रेट में नहीं किया बदलाव, ब्याज दर भी स्थिर
नई दिल्ली। अमेरिकी शुल्क और खाद्य कीमतों पर अनिश्चितता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रीपो दर को 5.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। समिति ने अपने रुख को भी तटस्थ बनाए रखा। ब्याज दर और रुख दोनों पर समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया।
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 60 आधार अंक घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया जो 4 फीसदी के निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। हालांकि अगले वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही के लिए समग्र मुद्रास्फीति के 4.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए वृद्धि दर अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘समग्र मुद्रास्फीति पहले के अनुमान से काफी कम है मगर इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों खास तौर पर सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव है।’ उन्होंने कहा, ‘मुख्य मुद्रास्फीति 4 फीसदी के आसपास स्थिर बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही से मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है। वृद्धि दर मजबूत और अनुमानों के अनुरूप है मगर हमारी आकांक्षाओं से कम है। शुल्क की अनिश्चितताएं अभी बनी हुई हैं। रीपो में 100 आधार अंक कटौती का अर्थव्यवस्था पर असर अभी पूरी तरह से नहीं दिखा है।’
पिछली तीन बैठकों में कुल मिलाकर 100 आधार अंक की कटौती के बाद रीपो दर को अपरिवर्तित रखा गया है। आरबीआई ने संकेत दिया कि आगे दर में कटौती वृद्धि दर और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर निर्भर करेगी। नीतिगत फैसले के बाद बेंचमार्क 10 वर्षीय बॉन्ड की यील्ड 8 आधार अंक बढ़ गई। वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में 4.9 फीसदी की मुद्रास्फीति के अनुमान ने भी बाजार को हैरान किया।