बिहार SIR मामले में हटाए गए 65 लाख मतदाता कौन? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में SIR के दौरान 65 लाख मतदाताओं के नाम चुनाव आयोग की तरफ से मतदाता सूची से हटाए गए हैं। जिस पर राजनीतिक दल और संगठनों में उबाल आया हुआ है। राजनीतिक दलों और संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में रिट डाली थी। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार तक चुनाव आयोग से सभी वोटर्स की जानकारी मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह बिहार के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए करीब 65 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी 9 अगस्त तक पेश करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह जानकारी उन राजनीतिक दलों के साथ-साथ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर नाम की एनजीओ को भी दी जाए, जिसने इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की है।
बता दें कि, चुनाव आयोग ने बिहार में 24 जून को ‘विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया था। इसके तहत 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई, जिसमें 7.24 करोड़ मतदाता दिखाए गए। लेकिन इसमें से 65 लाख से अधिक वोटरों के नाम हटा दिए गए। चुनाव आयोग का कहना है कि ये लोग या तो मर चुके हैं, दूसरी जगह स्थायी रूप से चले गए हैं, या दो जगहों पर नाम था।
बता दें कि, चुनाव आयोग ने बिहार में 24 जून को ‘विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया था। इसके तहत 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई, जिसमें 7.24 करोड़ मतदाता दिखाए गए। लेकिन इसमें से 65 लाख से अधिक वोटरों के नाम हटा दिए गए। चुनाव आयोग का कहना है कि ये लोग या तो मर चुके हैं, दूसरी जगह स्थायी रूप से चले गए हैं, या दो जगहों पर नाम था।