जीन थेरेपी से होगा एड्स का इलाज, दवा से मिलेगा छुटकारा

 जीन थेरेपी से होगा एड्स का इलाज, दवा से मिलेगा छुटकारा

नई दिल्ली।  अब एड्स का इलाज जीन थेरेपी से होगा। प्रतिदिन की दवाओं से मरीज को छुटकारा मिलेगा। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में बताया है कि एड्स वायरस को मनुष्य के शरीर में निष्क्रिय करने के लिए जीन थेरेपी का इस्तेमाल कारगर होगा। यह खोज न केवल वायरस को स्थायी रूप से रोकने की क्षमता रखती है, बल्कि वर्तमान में उपयोग हो रही एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के दुष्प्रभावों से भी मुक्ति दिला सकती है।

एचआईवी वायरस को निष्क्रिय करने की दिशा में विज्ञान ने एक बड़ी छलांग लगाई है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक ऐसे आणविक हथियार की पहचान की है, जो एड्स वायरस को लंबे समय तक सोने की अवस्था में डाल सकता है। जीन थेरेपी के जरिये वायरस को स्थायी तौर पर निष्क्रिय करना अब संभव होता जा रहा है। इससे न केवल मरीजों को हर दिन ली जाने वाली दवाओं से राहत मिलेगी बल्कि उनके दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकेगा।
अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में बताया है कि एड्स वायरस को मानव शरीर में निष्क्रिय करने के लिए जीन थेरेपी का इस्तेमाल कारगर हो सकता है। यह खोज न केवल वायरस को स्थायी रूप से रोकने की क्षमता रखती है, बल्कि वर्तमान में उपयोग हो रही एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के दुष्प्रभावों से भी मुक्ति दिला सकती है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित शोध पत्रिका ‘साइंस एडवांस’ में प्रकाशित हुआ है। इसमें वैज्ञानिकों ने ‘एंटीसेंस ट्रांसक्रिप्ट’ (एएसटी) नामक एक अणु की भूमिका को उजागर किया है। यह एचआईवी की आनुवंशिक सामग्री द्वारा निर्मित होता है और वायरस को ऐसी अवस्था में पहुंचा देता है जहां वह खुद को दोहरा नहीं पाता, यानी निष्क्रिय रहता है।