भारत के इस बुजुर्ग ने यमन के हूतियों पर चलाया अपना सिक्का, बचाई नर्स निमिषा की जान

 भारत के इस बुजुर्ग ने यमन के हूतियों पर चलाया अपना सिक्का, बचाई नर्स निमिषा की जान
सना। रेड सी में जहाजों पर मिसाइलें बरसाने वाले हूती विद्रोही किसी की नहीं सुनते। अमेरिका-यूरोप तक की बात टाल देते हैं। लेकिन इसी हूती-नियंत्रित यमन में एक भारतीय व्यक्ति की बात मान ली गई। केरल की नर्स की सजा-ए-मौत रोक दी गई। एक केरल की नर्स की जान बच गई। आखिर कौन है ये भारतीय जिसने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया?
जो हूती दुनिया में किसी की नहीं सुनते, वहां भारत के इस बुजुर्ग ने कैसे चलाया अपना सिक्का, बची निमिषा की जान
यमन में निमिषा प्रिया की फांसी टल गई है।
केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना की जेल में फांसी दी जानी थी। लेकिन ठीक एक दिन पहले, 15 जुलाई को यमन की अदालत ने अचानक फांसी पर ब्रेक लगा दिया। ये वही इलाका है, जो हूती विद्रोहियों के कब्जे में है। वो हूती जिनसे बातचीत करना अमेरिका तक के लिए टेढ़ी खीर बन चुका है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने हाल के दिनों में कोशिशें तेज की थीं कि पीड़ित परिवार से म्यूचुअल एग्रीमेंट यानी समझौता हो सके। यमन के कानून के मुताबिक, हत्या के मामलों में ‘ब्लड मनी’ देने पर मृत्युदंड टल सकता है। इस मोड़ पर सामने आते हैं 94 वर्षीय कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार, जिन्हें भारत में ‘ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
धार्मिक कूटनीति बनी सबसे बड़ा हथियार
भारत सरकार की आधिकारिक कोशिशों के साथ-साथ मुसलियार ने वो किया जो शायद किसी सरकारी तंत्र के लिए भी नामुमकिन था- यमन के धार्मिक ताकतवरों से सीधा संवाद। उन्होंने यमन के सूफी इस्लामिक विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज से संपर्क साधा। शेख उमर ने तुरंत अपने धार्मिक और सामाजिक नेटवर्क को सक्रिय किया और तालाल अब्दो महदी (जिसकी हत्या के आरोप में निमिषा दोषी पाई गई थीं) के परिवार, जजों, और कबायली नेताओं से बातचीत शुरू कर दी।
हूती कंट्रोल वाले यमन में बैठक
हबीब उमर की अगुवाई में उत्तर यमन में एक आपात बैठक हुई। जिसमें सना की क्रिमिनल कोर्ट के चीफ जज, पीड़ित परिवार, सरकारी अफसर और कबीलों के प्रमुख शामिल हुए। यह वही यमन है जहां हूती विद्रोही रोज़ रेड सी में व्यापारिक जहाज़ों पर ड्रोन और मिसाइलें दागते हैं। वहां पर इस तरह की बातचीत हो पाना, वो भी भारत के कहने पर, अपने आप में एक बड़ी बात है। बैठक के बाद महदी के परिवार ने संकेत दिए कि वे ब्लड मनी की पर बात करने को तैयार हैं और उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। यानी फांसी की उलटी गिनती पर फिलहाल पॉज लग गया।