रंग लाई मेहनत: UPSC CAPF 2024 में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के 14 अभ्यर्थियों का चयन

श्याम यादव ने हासिल की ऑल इंडिया सेकेंड रैंक, योजना की ऐतिहासिक सफलता
लखनऊ, 13 जुलाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना एक बार फिर उत्तर प्रदेश के युवाओं के सपनों को साकार करने में मील का पत्थर साबित हुई है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) परीक्षा 2024 में इस योजना से जुड़े 14 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है। इनमें श्याम यादव ने ऑल इंडिया सेकेंड रैंक हासिल कर न सिर्फ प्रदेश बल्कि योजना की साख भी ऊंची कर दी है।
योजना बनी युवाओं के लिए बदलाव की राह
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने सभी सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा,
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप अभ्युदय योजना प्रदेश के युवाओं के सपनों को पंख दे रही है।”
प्रदेशभर से चुने गए होनहार
समाज कल्याण अधिकारी पवन यादव के अनुसार, श्याम यादव के अलावा चयनित अभ्यर्थियों में निम्न नाम प्रमुख हैं:
प्रतीक वर्मा (रैंक 61)
अभिषेक मिश्रा (77)
अनूप कुमार (106)
सत्यपाल सिंह यादव (133)
दिव्या सिंह परिहार (166)
हिमांशु मौर्या (197)
मितेंद्र श्रीवास्तव (208)
रोहित वर्मा (224)
ललित सिंह (225)
हिमांशु सिंह (297)
मंगलदीप पाल (313)
रुपाली सिंह (365)
शिवम आनंद (379)
“अभ्युदय योजना ने मेरी राह आसान की”: श्याम यादव
अपनी सफलता के पीछे योजना की भूमिका को रेखांकित करते हुए श्याम यादव ने कहा,
“अभ्युदय योजना से मुझे विशेषज्ञों का मार्गदर्शन, मॉक इंटरव्यू और बेहतरीन स्टडी मटीरियल मिला। इसने मेरी दिशा भी तय की और आत्मविश्वास भी बढ़ाया।”
75 जिलों में 166 प्रशिक्षण केंद्र, 87,000+ लाभार्थी
वर्ष 2021 में शुरू की गई अभ्युदय योजना आज प्रदेश के 75 जिलों में 166 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से संचालित हो रही है। योजना का उद्देश्य IAS, PCS, NEET, JEE, NDA, CDS, CUET, CAPF जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समाज के हर वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्रदान करना है अब तक योजना के माध्यम से 87,000 से अधिक युवा लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें से 1,100 से ज्यादा अभ्यर्थी चयनित भी हो चुके हैं।
समर्पित टीम की मेहनत के बिना संभव नहीं
योजना की सफलता में संयुक्त निदेशक सुनील कुमार विशेन, पी.के. त्रिपाठी और उपनिदेशक सुनीता यादव जैसे अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।