गर्मी से दूध उत्पादन में भारी कमी

 गर्मी से दूध उत्पादन में भारी कमी
 डेयरी सेक्टर पर जलवायु संकट का असर
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के चलते गर्मी अब दूध उत्पादन को प्रभावित कर रही है। भारत जैसे देशों में रोज़ाना प्रति गाय 4% तक दूध उत्पादन घट सकता है। इससे पोषण प्रणाली और करोड़ों लोगों की आजीविका पर संकट गहराएगा।
जलवायु परिवर्तन अब केवल पर्यावरण की चिंता नहीं बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा का बड़ा संकट बनता जा रहा है। इसका असर अब दूध के गिलास तक पहुंच रहा है। इस संबंध में किए गए अंतरराष्ट्रीय शोध में खुलासा हुआ है कि बढ़ती गर्मी का सीधा असर अब गायों के दूध उत्पादन पर पड़ने लगा है। इस अध्ययन में चेताया गया है कि गर्मी के कारण भारत जैसे देशों में हर दिन प्रति गाय दूध उत्पादन में औसतन 4% तक की गिरावट आ सकती है, जिससे न केवल देश की पोषण प्रणाली बल्कि करोड़ों परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी।
शोध इस्राइल की हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम, तेल अवीव यूनिवर्सिटी और अमेरिकी शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस्राइल की डेयरी व्यवस्था को आधार बनाकर संयुक्त रूप से किया गया। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने इस्राइल की 1.3 लाख से अधिक गायों के 12 वर्षों (2010–2022) तक के दूध उत्पादन और मौसम संबंधी आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया। इसके अलावा 300 से अधिक डेयरी फार्मों से प्राप्त फील्ड डेटा और मौसम रिकॉर्ड के माध्यम से यह समझने की कोशिश की गई। अध्ययन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान जर्नल ‘साइंस एडवांसेज’ में प्रकाशित हुआ है। इसमें यह भी बताया गया है कि भारत जैसे देशों के लिए शोध के निष्कर्ष और भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि जब वेट-बल्ब तापमान यानी गर्मी और आर्द्रता का संयुक्त सूचकांक 26 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है तो गायों पर हीट स्ट्रेस का असर पड़ता है। इससे न केवल उनका चारा खाने का व्यवहार प्रभावित होता है बल्कि उनके शरीर की गर्मी नियंत्रण प्रणाली भी असफल हो जाती है, जिससे दूध उत्पादन में अचानक 10% तक की गिरावट देखी गई।