विपक्ष को झटका
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- July 10, 2025
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बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रकिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
नई दिल्ली। बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिव्यू को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसको लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा, एडीआर और महुआ मोइत्रा समेत 10 लोगों ने याचिकाएं दायर की थीं। याचिका में निर्वाचन आयोग के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। मामले में आयोग की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी पेश हुए हैं। जबकि याचिकाकर्त्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायण ने दलीलें दीं।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दी दलील
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हमारी मांग है कि यह सत्यापन अभियान जारी रहना चाहिए। हमने कहा है कि मतदान मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक मौलिक अधिकार है। अगर मतदाता सूची में एक भी रोहिंग्या या एक भी घुसपैठिए का नाम है, तो उसे हटाना जरूरी है। जब तक भारत में घुसपैठिए मतदान करते रहेंगे, तब तक इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं माना जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। यह सुनवाई 28 जुलाई को होगी। दूसरी ओर, इसमें आधार, मतदाता सूची और राशन कार्ड को भी शामिल करने की मांग की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो इन तीनों दस्तावेजों को स्वीकार कर सकता है। यह चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह बिहार चुनाव से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लेगा।’
राशन कार्ड, वोटर आईडी शामिल करने का सुझाव
बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रकिया पर कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईआर की प्रकिया जारी रहेगी। वहीं कोर्ट ने आयोग को वेरिफिकेशन दस्तावेजों की सूची में आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड शामिल करने का सुझाव दिया है।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दी दलील
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हमारी मांग है कि यह सत्यापन अभियान जारी रहना चाहिए। हमने कहा है कि मतदान मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक मौलिक अधिकार है। अगर मतदाता सूची में एक भी रोहिंग्या या एक भी घुसपैठिए का नाम है, तो उसे हटाना जरूरी है। जब तक भारत में घुसपैठिए मतदान करते रहेंगे, तब तक इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं माना जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। यह सुनवाई 28 जुलाई को होगी। दूसरी ओर, इसमें आधार, मतदाता सूची और राशन कार्ड को भी शामिल करने की मांग की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो इन तीनों दस्तावेजों को स्वीकार कर सकता है। यह चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह बिहार चुनाव से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लेगा।’
राशन कार्ड, वोटर आईडी शामिल करने का सुझाव
बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रकिया पर कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईआर की प्रकिया जारी रहेगी। वहीं कोर्ट ने आयोग को वेरिफिकेशन दस्तावेजों की सूची में आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड शामिल करने का सुझाव दिया है।
मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।