देश में बढ़ी ऑफिस स्पेस की मांग, 40% तक जीसीसी की हिस्सेदारी पहुंचने की उम्मीद
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 7, 2025
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नई दिल्ली। सीबीआरई की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2025 के दौरान ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ रही है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र जीसीसी स्पेस की मांग का प्राथमिक क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा, जीसीसी का विस्तार अब टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर भी हो रहा है। भारत में 2025 के दौरान कार्यालय स्थलों की मजबूत मांग देखने को मिलेगी। इससे वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) की हिस्सेदारी का 35 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है। सीबाआरई की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
जीसीसी क्या है?
जीसीसी एक रणनीतिक इकाई है, जिसे बहुराष्ट्रीय कंपनियां स्थापित करती हैं। यह केंद्र भारत जैसे देशों में दक्षता, कुशल प्रतिभा और तकनीकी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए, वैश्विक स्तर पर काम करते हैं। वैश्विक क्षमता केंद्र परिचालन उत्कृष्टता और रणनीतिक विकास को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं।
कंपनियों को मिल रहा लागत संबंधी लाभ
रिपोर्ट के अनुसार भारत जीसीसी के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी भूमिका को लगातार मजबूत कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत की विशाल प्रतिभा और लागत संबंधी लाभों को देखते हुए यहां पर आत्याधुनिक और बहु-कार्यात्मक केंद्र स्थापित कर रही हैं। इस केंद्रों का विस्तार अब केवल संख्या में नहीं बल्कि कार्यक्षमता में भी हो रहा है।
कार्यालय स्थान में 35 से 20 प्रतिशत खपत होने की उम्मीद
सीबीआरई का मानना है कि वर्ष 2025 में जीसीसी द्वारा कुल कार्यालय स्थान की लगभग 35 से 40 प्रतिशत खपत होने की संभावना है। इसमें मौजूदा परिचालन का एकीकरण और नए खिलाड़ियों के प्रवेश से सहायता मिलेगी। इसमें कहा गया कि 2025 की पहली छमाही में भारत में कार्यालय स्थल की मांग स्थिर रही। यह मांग मुख्य रूप से जीसीसी, घरेलू कॉरपोरेट्स, फ्लेक्सिबल स्पेस ऑपरेटर्स, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं (बीएफएसआई) और प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों से प्रेरित रही।
जीसीसी एक रणनीतिक इकाई है, जिसे बहुराष्ट्रीय कंपनियां स्थापित करती हैं। यह केंद्र भारत जैसे देशों में दक्षता, कुशल प्रतिभा और तकनीकी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए, वैश्विक स्तर पर काम करते हैं। वैश्विक क्षमता केंद्र परिचालन उत्कृष्टता और रणनीतिक विकास को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं।
कंपनियों को मिल रहा लागत संबंधी लाभ
रिपोर्ट के अनुसार भारत जीसीसी के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी भूमिका को लगातार मजबूत कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत की विशाल प्रतिभा और लागत संबंधी लाभों को देखते हुए यहां पर आत्याधुनिक और बहु-कार्यात्मक केंद्र स्थापित कर रही हैं। इस केंद्रों का विस्तार अब केवल संख्या में नहीं बल्कि कार्यक्षमता में भी हो रहा है।
कार्यालय स्थान में 35 से 20 प्रतिशत खपत होने की उम्मीद
सीबीआरई का मानना है कि वर्ष 2025 में जीसीसी द्वारा कुल कार्यालय स्थान की लगभग 35 से 40 प्रतिशत खपत होने की संभावना है। इसमें मौजूदा परिचालन का एकीकरण और नए खिलाड़ियों के प्रवेश से सहायता मिलेगी। इसमें कहा गया कि 2025 की पहली छमाही में भारत में कार्यालय स्थल की मांग स्थिर रही। यह मांग मुख्य रूप से जीसीसी, घरेलू कॉरपोरेट्स, फ्लेक्सिबल स्पेस ऑपरेटर्स, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं (बीएफएसआई) और प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों से प्रेरित रही।