राफेल को बदनाम कर रहा चीन? फ्रांस की एजेंसी का खुलासा

 राफेल को बदनाम कर रहा चीन? फ्रांस की एजेंसी का खुलासा
पेरिस। फ्रांस की खुफिया एजेंसी की तरफ से राफेल लड़ाकू विमानों के खिलाफ चलाए जा रहे प्रचार अभियान को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। खुफिया एजेंसी के खुलासे में सामने आया कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से न सिर्फ ऑनलाइन कैंपेन चलाया गया, बल्कि चीन ने इस दौरान कूटनीतिक जरियों का भी इस्तेमाल किया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने आज से ठीक दो महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर किया था। अपने इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान ने इस हमले के जवाब में भारत को प्रतिक्रिया देने की कोशिश की तो भारत ने उसके एयरबेस पर सटीक निशाने लगाकर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया। इस पूरे संघर्ष के तीन दिन में भारत ने साबित कर दिया कि वह पाकिस्तान की किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए हर वक्त तैयार है।
इस पूरे घटनाक्रम में 7 मई की तारीख ऐसी थी, जब भारत की तरफ से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की शुरुआत की गई थी। उस दौरान पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों को बचाने के लिए भारत के खिलाफ हमले कर दिए और भारत के लड़ाकू विमानों को निशान बनाने की कोशिश की। इनमें कुछ विमानों को नुकसान भी हुआ। हालांकि, न तो भारत का कोई पायलट हताहत हुआ और न ही किसी लड़ाकू विमान के तबाह होने की खबर है। इसके बावजूद चीन और पाकिस्तान की मीडिया ने बिना सबूत दिए दावा किया कि उसने राफेल समेत भारत के छह फाइटर जेट मार गिराए। इसके जवाब में भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान के एयरबेसों को निशाना बनाने से जुड़ी सैटेलाइट तस्वीरें जारी कीं, बल्कि उसके कई विमानों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं का भी जिक्र किया।
हालांकि, इसके बावजूद चीन-पाकिस्तान ने तब चीनी फाइटर जेट द्वारा भारत के राफेल को मार गिराने का दावा जारी रखा। अब सामने आया है कि कोई सबूत न होने के बावजूद चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को प्रचारित करने के लिए राफेल के खिलाफ जबरदस्त झूठा प्रचार किया। फ्रांस की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, चीन ने इस काम के लिए अपने दूतावासों को भी काम पर लगा दिया।