सुप्रीम कोर्ट बच्चों की सुरक्षा पर चिंतित, जस्टिस सूर्यकांत बोले- बच्चों को गवाह नहीं, इंसान समझिए
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 5, 2025
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New Delhi– सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि भारत में बच्चों की सुरक्षा की व्यवस्था बिखरी हुई और कमजोर है। बच्चों को सिर्फ केस का गवाह नहीं, बल्कि उनकी संपूर्ण देखभाल की जरूरत है। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया को बच्चों के लिए आसान और संवेदनशील बनाने की मांग की। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी ने भरोसा प्रोजेक्ट की जानकारी दी, लेकिन चुनौतियां अभी बाकी हैं।
देश में बच्चों के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि ऐसे मामलों में न्यायिक व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा का सिस्टम खुद बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने इसी पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत का बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा ढांचा अभी भी बिखरा हुआ है और पूरी तरह सक्षम नहीं है। हमें बच्चों को सिर्फ गवाह नहीं, बल्कि पूरी देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले इंसान की तरह देखने की सोच विकसित करनी होगी।
हैदराबाद में पॉक्सो कानून पर आयोजित स्टेट लेवल मीट 2025 के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में न्याय व्यवस्था को बच्चों के जख्मों को और न बढ़ाने वाला बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक बच्चे सही मायनों में न्याय महसूस नहीं करते, तब तक हमारा काम अधूरा है।
हैदराबाद में पॉक्सो कानून पर आयोजित स्टेट लेवल मीट 2025 के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में न्याय व्यवस्था को बच्चों के जख्मों को और न बढ़ाने वाला बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक बच्चे सही मायनों में न्याय महसूस नहीं करते, तब तक हमारा काम अधूरा है।