बिना दसवीं पास रिंकू सिंह बना दिए गए बीएसए, मामले ने पकड़ा तूल
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- June 27, 2025
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लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह के बीएसए बनने के मामले में नया मोड़ आया है। उन्हें यह पद पाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट होने की शैक्षिक योग्यता पूरी करनी होगी।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के पद पर तैनाती दिए जाने की घोषणा के साथ ही उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर चर्चा शुरू हो गई। दरअसल, बीएसए पद पर सीधी भर्ती लोक सेवा आयोग की ओर से की जाती है। इसकी निर्धारित योग्यता पीजी है, जबकि रिंकू सिंह अभी हाईस्कूल भी नहीं हैं।
सवाल उठता है कि शैक्षिक अर्हता नहीं होने के बाद भी उन्हें इस पद पर तैनात कैसे किया जा सकता है? दरअसल, उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली के तहत प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में तैनात करने का नियम है। इसी क्रम में रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों की नियुक्ति की सहमति दी गई है। इसके पहले उनके सभी दस्तावेजों की जांच कर ली गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि युवाओं को विभाग की ओर खींचने के लिए ऐसे ख्यातिलब्ध लोगों की तैनाती की जाती है। साथ ही ब्रांड एंबेस्डर के रूप में उनका प्रयोग विभाग की गतिविधियों को बेहतर करने में किया जाता है।
अधिकारियों के मुताबिक, विभाग में तैनाती के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की शैक्षिक योग्यता मायने नहीं रखती है। हालांकि, पदोन्नति के लिए उनको सात साल में निर्धारित शैक्षिक अर्हता पूरी करनी होती है। यही नियम रिंकू सिंह पर भी लागू होगा। ऐसा न करने पर वह भी पदोन्नति के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे। साथ ही उनको संबंधित सेवा नियमावली में उस साल भर्ती अभ्यर्थियों में कनिष्ठ स्थान पर रखा जाएगा।
सवाल उठता है कि शैक्षिक अर्हता नहीं होने के बाद भी उन्हें इस पद पर तैनात कैसे किया जा सकता है? दरअसल, उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली के तहत प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में तैनात करने का नियम है। इसी क्रम में रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों की नियुक्ति की सहमति दी गई है। इसके पहले उनके सभी दस्तावेजों की जांच कर ली गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि युवाओं को विभाग की ओर खींचने के लिए ऐसे ख्यातिलब्ध लोगों की तैनाती की जाती है। साथ ही ब्रांड एंबेस्डर के रूप में उनका प्रयोग विभाग की गतिविधियों को बेहतर करने में किया जाता है।
अधिकारियों के मुताबिक, विभाग में तैनाती के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की शैक्षिक योग्यता मायने नहीं रखती है। हालांकि, पदोन्नति के लिए उनको सात साल में निर्धारित शैक्षिक अर्हता पूरी करनी होती है। यही नियम रिंकू सिंह पर भी लागू होगा। ऐसा न करने पर वह भी पदोन्नति के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे। साथ ही उनको संबंधित सेवा नियमावली में उस साल भर्ती अभ्यर्थियों में कनिष्ठ स्थान पर रखा जाएगा।