चुनाव से पहले बिहार में सियासत तेज, पोस्टर और कार्टून के सहारे लालू और तेजस्वी पर हमला

 चुनाव से पहले बिहार में सियासत तेज, पोस्टर और कार्टून के सहारे लालू और तेजस्वी पर हमला
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कभी भी हो सकती है। मौजूदा नीतीश कुमार सरकार का कार्यकाल 22नवम्बर को समाप्त हो रहा है। इस बीच 22 नवम्बर से पहले बिहार विधानसभा का चुनाव संपन्न होना जरूरी है। जहां चुनाव आयोग से बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों ने बिहारियों का सबसे प्रमुख पर्व छठ पूजा और दिपावली को देखते हुए चुनाव की तिथि की घोषणा करने का आग्रह किया गया है। जिसपर चुनाव आयोग ने विचार भी किया है। इस बीच पिछले पांच महीनों के अन्दर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार बार बिहार का दौरा करने के साथ-साथ आम सभा और रोड़ शो के अलावे लाखों करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी कर चुके हैं। इस बीच कल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव की एक टिप्पणी से बिहार की  राजनीति में भूचाल आ गई है। जिसके बाद पूरा एनडीए तेजस्वी यादव के पीछे पड़ गया है।  इस बयानों के तीर के बाद पोस्टर और कार्टून के सहारे लालू और तेजस्वी पर हमला किया जा रहा है।  बिहार की राजधानी पटना के चौक चौराहों पर पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें लिखा गया है- मेरा बाप चारा चोर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे के बाद तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपत्तिजनक बात कही थी। उन्होंने कहा कि पॉकेट… पीएम और अचेत सीएम नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने बिहार दौरे के दौरान सीवान के जसौली में जनसभा को संबोधित किया था। इससे पहले करीब दस हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था।
पीएम के जाने के बाद बिहार में बड़ी सियासी बहस पीछे छोड़ गए। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीवान के मंच से राजद, कांग्रेस और लालू परिवार पर एक साथ जमकर निशाना साधा। इसके जवाब में लालू यादव ने मौसम के बहाने तंज कसा। तेजस्वी यादव पिता से कई कदम आगे निकल गए। उन्होंने कहा कि पीएम बिहार की जनता के पॉकेट से निकले धन पर बिहार आते हैं। जनता की गाढ़ी कमाई(सरकारी राशि) पर राजनीति करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि पॉकेट… पीएम और अचेत सीएम नहीं चाहिए।
तेजस्वी का बयान आते ही बीजेपी, जदयू और लोजपा के नेता भड़क गए। सबने एक स्वर में तेजस्वी के बयान की निंदा की और पटना का नजारा ही बदल गया है। लगभग राजधानी  के सड़कों और चौक चौराहों पर बड़े-बड़े पोस्टर लग गए।  इसमें लिखा है कि मेरा बाप चारा चोर है, वोट दीजिए। एक भैंस पर लालू यादव और तेजस्वी यादव को बैठा दिखाया गया जिसमें तेजस्वी यादव के हाथ में कमान है। हालांकि, यह एक कार्टून है. पोस्टर पर किसी का नाम नहीं लिखा है। कोई निवेदक भी नहीं है। इस संबंध में बताया जाता कि
बिहार की राजनीति में पोस्टर वॉर ने जोर पकड़ लिया है। राजधानी पटना की दीवारें और चौक-चौराहे राजनीतिक कटाक्षों और निजी हमलों से भरे पोस्टरों से अटी पड़ी हैं। जहां सत्ताधारी एनडीए सरकार और विपक्षी महागठबंधन एक-दूसरे पर व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर हमले कर रहे हैं। जिससे  बिहार में मानसून शुरू होते ही चुनावी सर्दी में सियासी गर्मी आ गई है।
वहीं इस ओर जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री संजय झा को एक पोस्टर में घेरा गया है। आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने परिवार के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के पैनल में एडवोकेट बनवाकर परिवारवाद को बढ़ावा दिया। पोस्टर में लिखा गया है- इन्होंने क्या दिया बिहार को? सब कुछ दिया अपने परिवार को ही दिया।  दूसरी ओर एक अन्य पोस्टर में एनडीए का नया मतलब गढ़ा गया है। जिसमें नेशनल दामादवादी अलायंस है। इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की तस्वीरों के साथ आरोप लगाया गया है कि यह गठबंधन ‘दामादवाद’ को बढ़ावा दे रहा है।