अयोध्या में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर भव्य रथयात्रा आज
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- June 27, 2025
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Political Trust अयोध्या। अयोध्या में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर भव्य रथयात्रा आज निकाली जाएगी। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकालने की परंपरा का निवर्हन हर साल किया जाता है। इस साल भी आज शुक्रवार को रामनगरी के 10 मंदिरों से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी से बीमार चल रहे भगवान जगन्नाथ बृहस्पतिवार को स्वस्थ हो गए। उनका 10 दिनों से औषधीय उपचार किया जा रहा था। बीमार होने के चलते भगवान जगन्नाथ दर्शन नहीं दे रहे थे। मंदिर के पट बंद कर दिए गए थे। इससे पहले भगवान का भव्य श्रृंगार कर आरती-पूजन किया गया। शुक्रवार को भगवान रथ पर निकलकर भक्तों को दर्शन देंगे।
विधि विधान पूर्वक पूजन-अर्चन के बाद उन्हें खिचड़ी का भोग
राममंदिर के समीप स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर के महंत राघव दास ने बताया कि प्रतिपदा यानी बृहस्पतिवार को भगवान स्वस्थ हो गए हैं। विधि विधान पूर्वक पूजन-अर्चन के बाद उन्हें खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया। इससे पहले पंचामृत अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार हुआ।
नाम संकीर्तन का क्रम जारी
नाम संकीर्तन का क्रम जारी है। बताया कि शुक्रवार को भव्य गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। दशरथ महल, मणिराम दास की छावनी, चारधाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में रथयात्रा महोत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है।
श्रीराम और भगवान जगन्नाथ में अभिन्नता प्रतिपादित है। भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण के उत्तरवर्ती माने जाते हैं, जिनका पूर्ववर्ती श्रीराम को माना जाता है। जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य के अनुसार युग और लीला का भेद है, किंतु श्रीराम, श्रीकृष्ण अथवा जगन्नाथ अभेद्य हैं। यह अभिन्नत्ता रामनगरी के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर, मणिरामदास छावनी परिसर स्थित जगन्नाथ मंदिर एवं राम कचेहरी मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा एवं बलभद्र के विग्रह से स्थापित है।
राममंदिर के समीप स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर के महंत राघव दास ने बताया कि प्रतिपदा यानी बृहस्पतिवार को भगवान स्वस्थ हो गए हैं। विधि विधान पूर्वक पूजन-अर्चन के बाद उन्हें खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया। इससे पहले पंचामृत अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार हुआ।
नाम संकीर्तन का क्रम जारी
नाम संकीर्तन का क्रम जारी है। बताया कि शुक्रवार को भव्य गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। दशरथ महल, मणिराम दास की छावनी, चारधाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में रथयात्रा महोत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है।
श्रीराम और भगवान जगन्नाथ में अभिन्नता प्रतिपादित है। भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण के उत्तरवर्ती माने जाते हैं, जिनका पूर्ववर्ती श्रीराम को माना जाता है। जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य के अनुसार युग और लीला का भेद है, किंतु श्रीराम, श्रीकृष्ण अथवा जगन्नाथ अभेद्य हैं। यह अभिन्नत्ता रामनगरी के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर, मणिरामदास छावनी परिसर स्थित जगन्नाथ मंदिर एवं राम कचेहरी मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा एवं बलभद्र के विग्रह से स्थापित है।