किसी भी महामारी से निपटने को आईसीएमआर ने खरीदी दो मोबाइल लेबोरेट्रीज
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- June 27, 2025
- 0
- 27
- 1 minute read

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दो और मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज की खरीदी है। जो कि किसी भी महामारी से निपटने के लिए और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिहाज से यह अहम कदम है। खासकर दूर-दराज के इलाकों में ये मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज काफी कारगर हैं। रामबाण नाम की दो मोबाइल बीएसएल लेबोरेट्रीज फिलहाल आईसीएमआर द्वारा संचालित की जा रही हैं।
देश में दो मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज संचालित
मौजूदा मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज में से एक पुणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान में संचालित हो रही है और दूसरी उत्तर प्रदेश को गोरखपुर में स्थित आरएमआरसी अस्पताल में। रामबाण अपनी तरह की पहली रैपिड एक्शन मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में ही बनाया गया है। इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी महामारी या खतरनाक बीमारी के फैलने की स्थिति में जरूरी नैदानिक परीक्षण (डायग्नोस्टिक टेस्ट) करने में सक्षम है।
लेबोरेट्री केरल के कोझिकोड में तैनात
यह आईसीएमआर की योजना है, जिसे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य ढांचा मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संरक्षण में मुंबई स्थित क्लेनजेड्स कंटामिनेशन कंट्रोल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने विकसित किया है। मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्री को पहली बार सफलतापूर्वक केरल के कोझिकोड में तैनात किया गया था। दरअसल उस समय केरल में निपाह वायरस का संक्रमण फैला था, जिसके चलते सितंबर 2023 को लोगों की जांच के लिए इसे तैनात किया गया था। इसके बाद जुलाई 2024 में मोबाइल बीएसएल-3 को केरल के मलाप्पुरम जिले में तैनात किया गया था। यह चलती फिरती लेबोरेट्री भारत बेंज वाहन पर बनी है, जिसमें बीएस-6 शर्तों का पालन किया गया है। इस वाहन की भार वहन क्षमता 17 हजार किलो है और यह बेहद अधिक तापमान और बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में भी सुगमता से काम कर सकती है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस लेबोरेट्री
इस लेबोरेट्री में नकारात्मक वायु दबाव वातावरण में भी काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये आधुनिक हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनर सिस्टम से लैस है। इसमें जैविक कचरे से निपटने के लिए भी आधुनिक उपकरण लगे हैं। यह लेबोरेट्री चार भागों में बंटी हुई है। जोन-1 में ड्राइवर और चेंज रूम है। जोन-2 में नहाने के लिए शावर और अंदरुनी चेंज रूम है। जोन-3 में मुख्य लेबोरेट्री और जोन-4 में डीकंटामिनेशन एरिया है।
मौजूदा मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज में से एक पुणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान में संचालित हो रही है और दूसरी उत्तर प्रदेश को गोरखपुर में स्थित आरएमआरसी अस्पताल में। रामबाण अपनी तरह की पहली रैपिड एक्शन मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्रीज है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में ही बनाया गया है। इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी महामारी या खतरनाक बीमारी के फैलने की स्थिति में जरूरी नैदानिक परीक्षण (डायग्नोस्टिक टेस्ट) करने में सक्षम है।
लेबोरेट्री केरल के कोझिकोड में तैनात
यह आईसीएमआर की योजना है, जिसे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य ढांचा मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संरक्षण में मुंबई स्थित क्लेनजेड्स कंटामिनेशन कंट्रोल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने विकसित किया है। मोबाइल बीएसएल-3 लेबोरेट्री को पहली बार सफलतापूर्वक केरल के कोझिकोड में तैनात किया गया था। दरअसल उस समय केरल में निपाह वायरस का संक्रमण फैला था, जिसके चलते सितंबर 2023 को लोगों की जांच के लिए इसे तैनात किया गया था। इसके बाद जुलाई 2024 में मोबाइल बीएसएल-3 को केरल के मलाप्पुरम जिले में तैनात किया गया था। यह चलती फिरती लेबोरेट्री भारत बेंज वाहन पर बनी है, जिसमें बीएस-6 शर्तों का पालन किया गया है। इस वाहन की भार वहन क्षमता 17 हजार किलो है और यह बेहद अधिक तापमान और बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में भी सुगमता से काम कर सकती है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस लेबोरेट्री
इस लेबोरेट्री में नकारात्मक वायु दबाव वातावरण में भी काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये आधुनिक हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनर सिस्टम से लैस है। इसमें जैविक कचरे से निपटने के लिए भी आधुनिक उपकरण लगे हैं। यह लेबोरेट्री चार भागों में बंटी हुई है। जोन-1 में ड्राइवर और चेंज रूम है। जोन-2 में नहाने के लिए शावर और अंदरुनी चेंज रूम है। जोन-3 में मुख्य लेबोरेट्री और जोन-4 में डीकंटामिनेशन एरिया है।