अंतराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस: 2500 करोड़ रुपये की अवैध ड्रग्स जलाकर की नष्ट

 अंतराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस: 2500 करोड़ रुपये की अवैध ड्रग्स जलाकर की नष्ट
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यांगून। म्यांमार में अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध ड्रग्स जला दी गई है। ये ड्रग्स देश के बड़े शहरों यांगून, मांडले और शान राज्य में जलाए गए। म्यांमार के पूर्वी हिस्से और गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र से मेथ और हेरोइन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।
म्यांमार में नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत गुरुवार को करीब 300 मिलियन डॉलर (करीब 2500 करोड़ रुपये) की अवैध ड्रग्स को जलाकर नष्ट कर दिया गया। यह कार्रवाई इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग के मौके पर की गई। अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग्स को यांगून, मंडाले और ताउंग्जी जैसे बड़े शहरों में जलाया गया।
यांगून शहर में ही 117 मिलियन डॉलर की जब्त ड्रग्स को आग के हवाले किया गया। इसमें अफीम, हेरोइन, मेथामफेटामिन, गांजा, केटामाइन और क्रिस्टल मेथ (आइस) शामिल थे। इस मौके पर यांगून पुलिस के ब्रिगेडियर जनरल सीन ल्विन ने कहा कि यह कदम नशे की लत और ड्रग्स तस्करी पर सख्त संदेश देने के लिए उठाया गया है।
तीन अलग-अलग जगहों पर जलाया गया ड्रग्स
बताया जा रहा है कि इन ड्रग्स को तीन अलग-अलग जगहों पर जलाया गया। राजधानी नेप्यीटॉ के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुल जलाए गए ड्रग्स की कीमत करीब 297.95 मिलियन डॉलर आंकी गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक मानी जा रही है।
गोल्डन ट्रायंगल बना ड्रग्स उत्पादन का गढ़
पूर्वी म्यांमार का शान राज्य, खासकर गोल्डन ट्रायंगल इलाका, ड्रग्स उत्पादन का बड़ा गढ़ बना हुआ है। गोल्डन ट्रायंगल वह इलाका है जहां म्यांमार, थाईलैंड और लाओस की सीमाएं मिलती हैं। लंबे समय से यहां अफीम और हेरोइन का उत्पादन होता आ रहा है। कानून व्यवस्था की कमी और सीमावर्ती इलाकों में सेना का सीमित नियंत्रण ड्रग्स कारोबार को बढ़ावा देता है।
संयुक्त राष्ट्र की ड्रग्स पर रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र की ड्रग्स और अपराध पर रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद म्यांमार में चल रहे सिविल वॉर ने ड्रग्स व्यापार को और बढ़ावा दिया है। खासतौर पर मेथामफेटामिन (आइस) का उत्पादन तेजी से बढ़ा है, जो न केवल दक्षिण-पूर्व एशिया, बल्कि भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से तक भी तस्करी किया जा रहा है।