केंद्रीय कैबिनेट ने तीन अहम फैसलों को मंजूरी,यूपी को केंद्र सरकार की सौगात

 केंद्रीय कैबिनेट ने तीन अहम फैसलों को मंजूरी,यूपी को केंद्र सरकार की सौगात
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन अहम फैसलों को मंजूरी दी गई है। यूपी को सरकार की ओर से बड़ी सौगात दी गई हैं। वहीं दूसरी ओर बैठक में जहां आपातकाल के 50 वर्ष होने पर एक प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव में 1975 में लगे आपातकाल को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई है। इसके साथ ही आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र बनाने और पुणे मेट्रो के फेज-2 को मंजूरी दी गई। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी दी: वनज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी), मौजूदा पुणे मेट्रो चरण-1 (वनज-रामवाड़ी) का विस्तार है। ये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। परियोजना को चार साल के भीतर पूरा करने की योजना है।
झरिया कोल फील्ड के लिए मास्टर प्लान
सरकार ने झारखंड के कोयला क्षेत्र झरिया में भूमिगत आग से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए बुधवार को 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। संशोधित योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 5,940.47 करोड़ रुपये है।संशोधित मास्टर प्लान में प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए सतत आजीविका सृजन पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वास वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर भी पैदा किए जाएंगे।
झारखंड के धनबाद जिले में आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निपटने के लिए झरिया मास्टर प्लान को केंद्र सरकार ने अगस्त, 2009 में मंजूरी दी थी। इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष रखी गई थी। इसपर 7,112.11 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया गया था। हालांकि, पिछली मास्टर प्लान योजना वर्ष 2021 में खत्म हो गई थी।