गांव-गांव जाकर अपना जनाधार बढ़ाएगी बसपा, 1600 लोगों की टीम उतारेगी पार्टी

 गांव-गांव जाकर अपना जनाधार बढ़ाएगी बसपा, 1600 लोगों की टीम उतारेगी पार्टी
नई दिल्ली। 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरने से पहले बसपा अपना जनाधार बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है। विधानसभाा चुनाव के जरिए सत्ता वापसी के लिए बहुजन समाज पार्टी गांव-गांव जाकर अपना जनाधार बढ़ाएगी। बसपा की करीब 1600 टीमें गांवों में पोलिंग बूथ और सेक्टर कमेटियां बनाकर लोगों को जोड़ने का काम करेंगी। पार्टी का कहना है कि पदाधिकारी भी नामित किए जा रहे हैं। जो लोगों को बसपा की नीतियों और विपक्ष की साजिशों से अवगत करा रहे हैं।
भाईचारा और ओबीसी कमेटी पर काम
बता दें कि पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर भाईचारा कमेटी और ओबीसी कमेटी लगातार काम कर रही हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह वर्ष 2007 में भाईचारा कमेटियों के जरिये समाज के सभी वर्गों के लोगों का गठबंधन स्थापित करते हुए सरकार बनाई थी। उसी फॉर्मूले पर अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी की जा रही है। इसके तहत गांव-गांव जाकर कमेटियों का गठन करना पहली प्राथमिकता है।
हर विधानसभा क्षेत्र के लिए चार टीमें
हर विधानसभा क्षेत्र में चार टीमें बनाई जा चुकी हैं। पार्टी का मानना है कि बसपा नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। चार बार रही बसपा सरकार में गुमनाम चेहरों को भी इसी तरह पार्टी ने सियासी पहचान दी थी। इसी वजह से पूरा फोकस विधानसभा स्तर पर बूथ कमेटियों, भाईचारा कमेटी और ओबीसी समाज को जोड़ने पर है। फिलहाल पार्टी तराई और अवध के इलाकों में फोकस कर तेजी से संगठन का विस्तार कर रही है।
बिहार चुनाव बाद सक्रिय होंगे आकाश
वहीं दूसरी ओर पार्टी के चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद बिहार चुनाव के बाद यूपी में भी सक्रिय हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है फिलहाल बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर आकाश आनंद बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। जिसके बाद उन्हें यूपी में भी सक्रिय किया जा सकता है। फिलहाल यूपी और उत्तराखंड के संगठन की समीक्षा और उससे जुड़े फैसले बसपा सुप्रीमो खुद ले रही हैं।
बसपा कार्यकर्ताओं के दम पर बनी पार्टी
बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्ननाथ पाल ने कहा कि बसपा नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। समाज के सभी वर्गों के आपसी भाईचारे की बदौलत हमने सरकार भी बनाई है। बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं के जरिये संगठन को मजबूत किया जा रहा है। बसपा ऐसी नर्सरी है, जो नेता बनाती है। पहले बड़ा मुकाम हासिल करने वाले नेता अपने बेटे-बेटियों के चक्कर में दूसरे दलों में चले गए थे।