फरवरी 2026 से शुरू होगा आय सर्वेक्षण, ग्रामीण-शहरी परिवारों की औसत आय का होगा आकलन

 फरवरी 2026 से शुरू होगा आय सर्वेक्षण, ग्रामीण-शहरी परिवारों की औसत आय का होगा आकलन
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का यह सर्वेक्षण देश में सभी परिवारों की आय का आंकड़े जुटाने का कार्य करेगा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय फरवरी 2026 से घरेलू आय सर्वेक्षण (एचआईएस) शुरू करने के लिए तैयार है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री राव इंद्रजित सिंह ने कहा कि इस सर्वेक्षण का उपयोग ग्रामीण एवं शहरी परिवारों की औसत आय की गणना में किया जाएगा। सिंह ने एक खास बातचीत में कहा, ‘ग्रामीण और शहरी परिवारों की औसत आय का अनुमान लगाने के उद्देश्य से मंत्रालय ने फरवरी 2026 से घरेलू आय सर्वेक्षण शुरू करने की योजना बनाई है।’
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का यह सर्वेक्षण भारतीय परिवारों की आय संबंधी आंकड़े जुटाने के नए प्रयासों को दर्शाता है। यह अभी इस्तेमाल हो रहे घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण के मुकाबले देश में जीवन स्तर, गरीबी, आय एवं धन संबंधी असमानताओं और उपभोक्ता व्यवहार की बेहतर तस्वीर प्रदान करेगा।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘प्रस्तावित सर्वेक्षण उपभोग व्यय सर्वेक्षण की जगह नहीं लेगा। आय सर्वेक्षण मुश्किल है, लेकिन समिति कुछ अन्य देशों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली पर काम कर रही है और सीख रही है। परिवारों से जानकारी हासिल करना एक चुनौती होगी मगर समिति सभी पहलुओं पर गौर कर रही है।’
मुख्य कार्याधिकारी राजेश शुक्ला का कहना है कि भारत में घरेलू आय पर भरोसेमंद आंकड़ों की कमी है। उन्होंने बताया कि पिछले प्रयासों के दौरान मौसमी प्रभाव, नियोक्ता परिवारों से खाते नहीं मिलने, सैंपलिंग इकाई के चयन में अस्पष्टता, वस्तु के रूप में भुगतान की गई मजदूरी के कारण छिपी हुई आय आदि के कारण विश्वसनीय आंकड़े जुटाने में परेशानी हुई थी।