चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब तीनों सेनाओं को सीधे आदेश दे सकेंगे, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जारी किए आदेश
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- June 24, 2025
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नई दिल्ली। अब देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) को सीधे आदेश देने के लिए अधिकृत होंगे। ये घोषणा आज मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की है। रक्षामंत्री ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान को तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) को सीधे आदेश देने के लिए अधिकृत किया है। जिससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल हो सके। अभी तक जब तीनों सेनाओं को निर्देश जारी किया जाता था तो अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग आदेश जारी करते थे। लेकिन अब यह प्रक्रिया आज से बदल दी गई है। अब सीडीएस के जरिए ही तीनों सेनाओं को संयुक्त आदेश जारी किया जाएगा। सरकार की इस पहल को सेना के थिएटर कमान के मॉडल को लागू करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के इस आदेश के तहत तीनों सेनाओं की क्षमताओं को एकजुट कर एक क्षेत्रीय कमान के तहत लाया जाएगा, जिससे कि युद्ध और अन्य अभियानों में संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग हो सके।
रक्षा मंत्रालय ने आज मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बयान जारी कर बताया कि सीडीएस और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव को संयुक्त निर्देश और आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है। इसी दिन संयुक्त निर्देश और आदेशों की स्वीकृति, घोषणा और क्रम निर्धारण से जुड़ा पहला संयुक्त आदेश भी जारी किया गया।
इस आदेश में प्रक्रियाओं को आसान बनाने, दोहराव खत्म करने और तीनों सेवाओं के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है। मंत्रालय ने इसे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और बदलाव की दिशा में एक अहम कदम बताया है। मंत्रालय ने कहा, यह पहल तीनों सेनाओं के बीच पारदर्शिता, तालमेल और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाएगी। यह सेनाओं को एकीकृत करने उद्देश्य की दिशा में एक नई शुरुआत है, जो राष्ट्र सेवा के लिए एकजुट होकर काम करेंगी।
इस आदेश में प्रक्रियाओं को आसान बनाने, दोहराव खत्म करने और तीनों सेवाओं के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है। मंत्रालय ने इसे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और बदलाव की दिशा में एक अहम कदम बताया है। मंत्रालय ने कहा, यह पहल तीनों सेनाओं के बीच पारदर्शिता, तालमेल और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाएगी। यह सेनाओं को एकीकृत करने उद्देश्य की दिशा में एक नई शुरुआत है, जो राष्ट्र सेवा के लिए एकजुट होकर काम करेंगी।