ईरान-इस्राइल युद्ध: अमेरिका को रुस की चेतावनी, दखल दिया तो गंभीर परिणाम होगे

 ईरान-इस्राइल युद्ध: अमेरिका को रुस की चेतावनी, दखल दिया तो गंभीर परिणाम होगे
मास्को। रूस ने ईरान के खिलाफ इस्राइल की सैन्य कार्रवाई में शामिल होने को लेकर अमेरिका को चेतावनी दी है। रुस ने कहा है कि यह कदम खतरनाक और घातक साबित होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने ईरान पर इस्राइल के हमलों की निंदा की और सभी पक्षों से समाधान की अपील की है।
रूस ने  गुरुवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ईरान के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई न करें। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका, इस्राइल के साथ युद्ध में शामिल हो सकता है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, ‘हम खास तौर पर वॉशिंगटन को चेतावनी देना चाहते हैं कि वह इस स्थिति में कोई सैन्य दखल न दें। उन्होंने कहा कि ऐसा करना बहुत खतरनाक कदम होगा। जिसके पूरी तरह से अनपेक्षित और नुकसानदेह नतीजे हो सकते हैं।’
पुतिन और जिनपिंग ने हमलों की निंदा की
इससे पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ईरान पर इस्राइल के हवाई हमलों की कड़ी निंदा की। दोनों नेताओं ने सभी पक्षों से अपील की है कि वे राजनयिक तरीके से यह विवाद सुलझाएं और युद्ध को रोके। एएफपी ने चीनी समाचार एजेंसी के हवाले से कहा, शी जिनपिंग ने कहा, संघर्ष में शामिल पक्षों, खासकर इस्राइल को तुरंत हमले बंद कर देने चाहिए, ताकि हालात और न बिगड़ें और युद्ध दूसरे क्षेत्रों में न फैले।
क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने पत्रकारों से कहा कि दोनों देशों (रूस और चीन) का नजरिया एक जैसा है और दोनों ने इस्राइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की हैं। दोनों नेताओं ने यह बात भी मानी कि पश्चिम एशिया में युद्ध रोकना फिलहाल सबसे बड़ी प्राथमिकता है। शिन्हुआ के मुताबिक, शी जिनपिंग ने कहा, संघर्ष विराम और हमलों को रोकना सबसे जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने का सही तरीका हथियार नहीं, बातचीत है।