मोदी-ट्रंप की फोन पर अहम बातचीत: आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर, QUAD और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

नई दिल्ली, 18 जून 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज फोन पर लगभग 35 मिनट तक अहम बातचीत हुई। यह वार्ता G7 शिखर सम्मेलन की साइडलाइन्स पर प्रस्तावित मुलाकात के बाद हुई है, जो राष्ट्रपति ट्रंप के अमेरिका लौटने की वजह से नहीं हो पाई थी।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से शोक जताते हुए फोन पर बात की थी और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया था। उसी के बाद यह उनकी पहली बातचीत थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी और स्पष्ट किया कि भारत ने 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखा दिया कि वह आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर measured, precise और non-escalatory सैन्य कार्रवाई की थी। साथ ही, भारत ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान गोली चलाएगा, तो जवाब गोले से मिलेगा।
9 मई की रात अमेरिका के उपराष्ट्रपति वांस ने पीएम मोदी को फोन कर पाकिस्तान द्वारा संभावित हमले की जानकारी दी थी, जिस पर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि भारत उसका माक़ूल और बड़ा जवाब देगा।
जैसा कि हुआ, 9-10 मई की रात पाकिस्तान के हमले के जवाब में भारत ने जोरदार कार्रवाई करते हुए उसके सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया और कई एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अमेरिका के साथ किसी प्रकार की ट्रेड डील या भारत-पाक के बीच मध्यस्थता पर कोई चर्चा नहीं हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर जो संवाद हुआ, वह दोनों देशों के मौजूदा सैन्य चैनल्स के ज़रिए और पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है, न करता है और न ही करेगा। इस मुद्दे पर भारत में सर्वदलीय राजनीतिक एकमत है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की विस्तृत जानकारी को समझते हुए भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अब भारत आतंकवाद को proxy war नहीं बल्कि सीधा युद्ध मानता है, और ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।
बातचीत के दौरान ट्रंप ने पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते समय अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते प्रधानमंत्री ने असमर्थता जताई। दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने पर सहमति जताई।
इसके अलावा, मोदी और ट्रंप ने इज़राइल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा की। दोनों ने सहमति जताई कि रूस-यूक्रेन में शांति के लिए प्रत्यक्ष वार्ता आवश्यक है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर भी दोनों नेताओं ने विचार साझा किए और QUAD की भूमिका को अहम बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को QUAD की अगली बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने सहर्ष स्वीकार किया और भारत यात्रा की इच्छा जताई।