जनगणना 2027 में पूछे जाएंगे आपसे ये सवाल, 35 लाख कर्मी डिजिटली करेंगे काम; 16 भाषाओं में होगा मोबाइल एप
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- June 16, 2025
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नई दिल्ली। आज जनगणना 2027 की अधिसूचना जारी हो गई है। इसी के साथ अब राज्यों और जिलों में जनगणना की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। इस बार जनगणना के लिए पूरे देश में 35 लाख कर्मी डिजिटली काम करेंगे और 16 भाषाओं में मोबाइल एप का उपयोग करेंगे। इस बार जनगणना के दौरान आबादी की गिनती की प्रक्रिया पिछली जनगणना से काफी अलग होगी। आम जनगणना से जातीय जनगणना दोनों ही अलग होती है?
आजादी के बाद पहली बार जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। देश में मार्च 2027 की संदर्भित तारीख से जातीय जनगणना कराई जाएगी। हालांकि, इससे पांच महीने पहले अक्तूबर 2026 में पहाड़ी राज्यों में जातीय जनगणना का कार्यक्रम पूरा कर लिया जाएगा। यानी इन राज्यों में अक्तूबर 2026 में आबादी से जुड़े जो भी आंकड़े होंगे, वही रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे। केंद्र सरकार को 1948 के जनगणना कानून के तहत इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होता है। यह तीन चरणों में आगे बढ़ेगी।
जनगणना करने वाले अधिकारी पूछेंगे ये सवाल
जनगणना का कार्यक्रम जितना दिखता है, उतना आसान नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ भारत में रहने वाले लोगों की गिनती नहीं है। वृहद तौर पर देखा जाए तो यह भारत में कई पहलुओं को जानने का भी अवसर बनता है। मसलन देश में कितनी आबादी है, इसमें पुरुषों-महिलाओं की जनसंख्या कितनी है? साक्षरता दर कितनी है? किस धर्म के कितने लोग भारत में बसते हैं? भारत में प्रजनन दर कितनी है? अलग-अलग वर्गों की आर्थिक स्थिति कैसी है, आदि। यानी जनगणना लोगों की गिनती ही नहीं, बल्कि समाज के मूलभूत ढांचे को समझने का भी जरिया है।
पहला चरण घरों को सूचीबद्ध करने का, पूछे जाएंगे 35 सवाल
केंद्र सरकार हर बार काफी विचार के बाद अलग-अलग चरणों के लिए सवालों तैयार करती है। पहला चरण- घरों को सूचीबद्ध करने का होगा। इसमें घरों और उनकी स्थिति से जुड़े सवालों को प्राथमिकता दी जाती है। 2011 की जनगणना की बात करें तो उसमें 35 सवाल शामिल थे। जैसे-
घर किस तरह के और किस हाल में हैं?
घर में पीने के पानी की क्या व्यवस्था है?
शौचालय है या नहीं और अगर है तो किस तरह का शौचालय मौजूद है?
किचन किस तरह का है और उसमें खाना पकाने के लिए कौन सा ईंधन इस्तेमाल होता है?
घर में किस तरह का वाहन इस्तेमाल किया जाता है?
आवास में फोन, टेलीविजन, कंप्यूटर इत्यादि सुविधाएं हैं या नहीं?
इंटरनेट की सुविधा है या नहीं, स्मार्टफोन कितने और किसके पास हैं?
खाना किस तरह का खाते हैं, कौन सा अनाज ज्यादा इस्तेमाल होता है?
कुछ इसी तरह अलग से सवालों का ग्रुप आबादी की गणना करने के लिए भी बनाया जाता है। 2011 के सवालों को ही ले लें तो लोगों से उनका नाम, लिंग, उम्र, धर्म, किस जाति से हैं (एससी या एसटी), मातृभाषा, शैक्षणिक स्तर, नौकरी, आदि को लेकर सवाल पूछे गए थे। बीते दशक जो जनगणना हुई थी, उसका पूरा डाटा मार्च के अंत तक रिलीज कर दिया गया था। इसकी आखिरी रिपोर्ट, जिसमें जनसांख्यिकी, धार्मिक पृष्ठभूमि, भाषाई आधार व अन्य जटिल जानकारियां दी गई थीं, उसे दो साल बाद अप्रैल 2013 में जारी किया गया था।
इस बार अहम होगी जनगणना
1881 में जनगणना शुरू होने के बाद से 2011 तक यह बिना किसी रुकावट के जारी रही। हालांकि, कोरोनावायरस महामारी के चलते 2021 में जारी होने वाली जनगणना को टाल दिया गया था। 2021 के बाद से देश में सरकार ने कई फैसले लिए हैं, जिनसे 2027 की जनगणना बीती सभी जनगणनाओं से अलग हो गई है।
जनगणना करने वाले अधिकारी पूछेंगे ये सवाल
जनगणना का कार्यक्रम जितना दिखता है, उतना आसान नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ भारत में रहने वाले लोगों की गिनती नहीं है। वृहद तौर पर देखा जाए तो यह भारत में कई पहलुओं को जानने का भी अवसर बनता है। मसलन देश में कितनी आबादी है, इसमें पुरुषों-महिलाओं की जनसंख्या कितनी है? साक्षरता दर कितनी है? किस धर्म के कितने लोग भारत में बसते हैं? भारत में प्रजनन दर कितनी है? अलग-अलग वर्गों की आर्थिक स्थिति कैसी है, आदि। यानी जनगणना लोगों की गिनती ही नहीं, बल्कि समाज के मूलभूत ढांचे को समझने का भी जरिया है।
पहला चरण घरों को सूचीबद्ध करने का, पूछे जाएंगे 35 सवाल
केंद्र सरकार हर बार काफी विचार के बाद अलग-अलग चरणों के लिए सवालों तैयार करती है। पहला चरण- घरों को सूचीबद्ध करने का होगा। इसमें घरों और उनकी स्थिति से जुड़े सवालों को प्राथमिकता दी जाती है। 2011 की जनगणना की बात करें तो उसमें 35 सवाल शामिल थे। जैसे-
घर किस तरह के और किस हाल में हैं?
घर में पीने के पानी की क्या व्यवस्था है?
शौचालय है या नहीं और अगर है तो किस तरह का शौचालय मौजूद है?
किचन किस तरह का है और उसमें खाना पकाने के लिए कौन सा ईंधन इस्तेमाल होता है?
घर में किस तरह का वाहन इस्तेमाल किया जाता है?
आवास में फोन, टेलीविजन, कंप्यूटर इत्यादि सुविधाएं हैं या नहीं?
इंटरनेट की सुविधा है या नहीं, स्मार्टफोन कितने और किसके पास हैं?
खाना किस तरह का खाते हैं, कौन सा अनाज ज्यादा इस्तेमाल होता है?
कुछ इसी तरह अलग से सवालों का ग्रुप आबादी की गणना करने के लिए भी बनाया जाता है। 2011 के सवालों को ही ले लें तो लोगों से उनका नाम, लिंग, उम्र, धर्म, किस जाति से हैं (एससी या एसटी), मातृभाषा, शैक्षणिक स्तर, नौकरी, आदि को लेकर सवाल पूछे गए थे। बीते दशक जो जनगणना हुई थी, उसका पूरा डाटा मार्च के अंत तक रिलीज कर दिया गया था। इसकी आखिरी रिपोर्ट, जिसमें जनसांख्यिकी, धार्मिक पृष्ठभूमि, भाषाई आधार व अन्य जटिल जानकारियां दी गई थीं, उसे दो साल बाद अप्रैल 2013 में जारी किया गया था।
इस बार अहम होगी जनगणना
1881 में जनगणना शुरू होने के बाद से 2011 तक यह बिना किसी रुकावट के जारी रही। हालांकि, कोरोनावायरस महामारी के चलते 2021 में जारी होने वाली जनगणना को टाल दिया गया था। 2021 के बाद से देश में सरकार ने कई फैसले लिए हैं, जिनसे 2027 की जनगणना बीती सभी जनगणनाओं से अलग हो गई है।