कोरोना संक्रमित रोगियों में रेजर ब्लेड थ्रोट की समस्या, जाने क्या है ये संक्रमण

 कोरोना संक्रमित रोगियों में रेजर ब्लेड थ्रोट की समस्या, जाने क्या है ये संक्रमण
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण भारत में तेजी से फैल रहा है। देश में कोरोना संक्रमित मामले बढ़कर 7200 से अधिक हो गए हैं। देश में कोरोना ओमिक्रॉन वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स (NB.1.8.1 और XFG) को प्रमुख पाया गया है। जिसकी प्रकृति अत्यधिक संक्रामकता वाली तो रही है हालांकि इसके कारण गंभीर रोग विकसित होने का जोखिम कम देखा गया है।
एक रिपोर्ट्स में डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना के अधिकांश संक्रमितों में हल्के स्तर के लक्षण मिल रहे हैं। अधिकतर लोग घर पर रहकर ठीक हो रहे हैं। बुजुर्गों और कोमोरबिडिटी के शिकार कुछ लोगों में गंभीर रोग के मामले जरूर सामने आए हैं पर इसकी संख्या आबादी की तुलना में काफी कम है।
कोरोना के मामलों में जारी वृद्धि के बीच लोगों के मन में एक सवाल बना हुआ है कि क्या इस बार लोगों में कुछ अलग प्रकार के लक्षण देखे जा रहे हैं? क्या पहले की तरह फिर से लोगों को सांस की तकलीफ या कोई अन्य गंभीर दिक्कत हो रही है?
NB.1.8.1 वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक पर खतरनाक नहीं
देश में फैले कोरोना के NB.1.8.1 सब-वैरिएंट को लेकर किए अध्ययनों से स्पष्ट है कि ये अधिकांश खतरनाक नहीं है। हां, इसके कारण किसी आबादी में तेजी से संक्रमण फैलने का जोखिम जरूर रहता है, जिसका मतलब है कि कम समय में ये ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना सकता है, खासकर अगर लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है या फिर  उनकी इम्युनिटी कमजोर है।
रोगियों में ‘रेजर ब्लेड थ्रोट’ जैसे लक्षण
नोवा साउथईस्टर्न यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञ डॉ. स्नेहल स्मार्ट ने एक रिपोर्ट में बताया कि इस बार की लहर में यूएस सहित कई देशों में मरीजों में ‘रेजर ब्लेड थ्रोट’ की समस्या देखी गई है।
‘रेजर ब्लेड थ्रोट’ का मतलब है रोगी के गले में तेज दर्द होना, जो कोविड-19 से संबंधित होता है। विशेषज्ञ ने बताया कि इस बार यह कोविड-19 के प्रमुख लक्षणों में से एक है। डॉ. स्मार्ट के अनुसार, रेजर ब्लेड थ्रोट में सिर्फ दर्द या खराश ही नहीं होता, बल्कि ऐसा लगता है जैसे चाकू घोंप दिया गया हो।