कैप्टन सुमित अंतिम सांस तक करते रहे यात्रियों को बचाने की कोशिश,जानिए उन क्रू मेम्बर्स के बारे में जिनके सपने दफन हो गये
- गुजरात राष्ट्रीय
Political Trust
- June 13, 2025
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अहमदाबाद। अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे के कैप्टन सुमित सभरवाल ने अंतिम सांस तक यात्रियों को बचाने की भरसक कोशिश की। काफी अनुभवी और काबिल होने के नाते उन्होंने एक बड़ी आबादी को हादसे का शिकार होने से बचा लिया। हालांकि इस विमान हादसे में वो खुद को और अपने क्रू मेम्बर्स सहित विमान में सवार सभी यात्रियों को नहीं बचा सके।
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को दहला दिया है। जिस प्रकार से अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ होकर इमारतों से टकराकर आग के गोले में तबदील हो गयी ,ये भयावह मंजर देख सभी का दिल दहल गया। एयर इंडिया ने दुर्घटना में 241 यात्रियों और अपने 12 क्रू मेम्बर्स के मौत की पुष्टि की है। विमान यात्रियों के साथ-साथ क्रू मेम्बर्स के घरों में मातम छाया है।
कौन थे कैप्टन सुमित सभरवाल?
इंडियन एयरलाइंस का जो विमान क्रैश हुआ उसकी कमान मुम्बई के कैप्टन सुमित सभरवाल के हाथ में थी। सुमित के साथ फर्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी विमान में थे। बताया जा रहा है कि 60 वर्षीय कैप्टन सुमित सभरवाल दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया फ्लाइट के सबसे वरिष्ठ क्रू मेंबर थे। पड़ोसियों ने बताया कि कैप्टन सुमित बहुत शांत स्वभाव और अनुशासित व्यक्ति थे। उनकी बड़ी बहन दिल्ली में रहती हैं। उनकी बहन के दोनों बेटे पायलट हैं। बता दें कि वे कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले थे।
दीपक पाठक को था 11 साल का अनुभव
बदलापुर के दीपक पाठक 11 साल से ज्यादा समय से एयर इंडिया में को पायलट के पद पर काम कर रहे थे। वे हमेशा उड़ान से पहले अपने घर फोन करते थे। दुर्घटना वाले दिन भी उड़ान से पहले उन्होंने अपने परिवार को फोन किया था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया,”उन्होंने हमें हमेशा की तरह फोन किया, जैसे वे हमेशा करते हैं, बस निकलने से पहले। हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा।”
पढ़ने में होशियार थीं एयरहोस्टेस मणिपुर की नगंथोई
महज 19 साल की उम्र में एयरहोस्टेस बनी मणिपुर की नगंथोई भी इस हादसे का शिकार हुई है। मणिपुर की रहने वाली एयरहोस्टेस नगंथोई शर्मा कोंगब्रैलटपम की विमान दुर्घटना में मौत हो गयी है। नगंथोई ने हादसे से पहले सुबह करीब 11:30 बजे अपनी बड़ी बहन को फोन कर बताया था कि वह लंदन जा रही हैं। नगंथोई ने कहा था कि वह अगले कुछ दिनों तक कॉल नहीं कर पाएंगी और 15 जून को लौटने के बाद संपर्क करेंगी। लेकिन करीब तीन घंटे बाद नगंथोई के विमान के क्रैश होने की खबर आईं।
एविएशन के क्षेत्र में मैथिली ने की थी कड़ी मेहनत
हादसे का शिकार क्रू मेंबर मैथिली मोरेश्चर ने एविएशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। न्हावा गांव,पनवेल की रहने वाली मैथिली मोरेश्वर इस विमान में क्रू मेंबर थीं। घरवालों का कहना है कि उन्होंने एविएशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने TS रहमान विद्यालय में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एविएशन कोर्स में दाखिला लिया। उनके परिवार ने आर्थिक तंगी के बावजूद उनका पूरा साथ दिया। उन्हें एयर इंडिया में नौकरी मिली। इसी के साथ वह न्हावा गांव और उसके आसपास की अनगिनत युवतियों के लिए प्रेरणा बन गई थीं।
कौन थे कैप्टन सुमित सभरवाल?
इंडियन एयरलाइंस का जो विमान क्रैश हुआ उसकी कमान मुम्बई के कैप्टन सुमित सभरवाल के हाथ में थी। सुमित के साथ फर्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी विमान में थे। बताया जा रहा है कि 60 वर्षीय कैप्टन सुमित सभरवाल दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया फ्लाइट के सबसे वरिष्ठ क्रू मेंबर थे। पड़ोसियों ने बताया कि कैप्टन सुमित बहुत शांत स्वभाव और अनुशासित व्यक्ति थे। उनकी बड़ी बहन दिल्ली में रहती हैं। उनकी बहन के दोनों बेटे पायलट हैं। बता दें कि वे कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले थे।
दीपक पाठक को था 11 साल का अनुभव
बदलापुर के दीपक पाठक 11 साल से ज्यादा समय से एयर इंडिया में को पायलट के पद पर काम कर रहे थे। वे हमेशा उड़ान से पहले अपने घर फोन करते थे। दुर्घटना वाले दिन भी उड़ान से पहले उन्होंने अपने परिवार को फोन किया था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया,”उन्होंने हमें हमेशा की तरह फोन किया, जैसे वे हमेशा करते हैं, बस निकलने से पहले। हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा।”
पढ़ने में होशियार थीं एयरहोस्टेस मणिपुर की नगंथोई
महज 19 साल की उम्र में एयरहोस्टेस बनी मणिपुर की नगंथोई भी इस हादसे का शिकार हुई है। मणिपुर की रहने वाली एयरहोस्टेस नगंथोई शर्मा कोंगब्रैलटपम की विमान दुर्घटना में मौत हो गयी है। नगंथोई ने हादसे से पहले सुबह करीब 11:30 बजे अपनी बड़ी बहन को फोन कर बताया था कि वह लंदन जा रही हैं। नगंथोई ने कहा था कि वह अगले कुछ दिनों तक कॉल नहीं कर पाएंगी और 15 जून को लौटने के बाद संपर्क करेंगी। लेकिन करीब तीन घंटे बाद नगंथोई के विमान के क्रैश होने की खबर आईं।
एविएशन के क्षेत्र में मैथिली ने की थी कड़ी मेहनत
हादसे का शिकार क्रू मेंबर मैथिली मोरेश्चर ने एविएशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। न्हावा गांव,पनवेल की रहने वाली मैथिली मोरेश्वर इस विमान में क्रू मेंबर थीं। घरवालों का कहना है कि उन्होंने एविएशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने TS रहमान विद्यालय में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एविएशन कोर्स में दाखिला लिया। उनके परिवार ने आर्थिक तंगी के बावजूद उनका पूरा साथ दिया। उन्हें एयर इंडिया में नौकरी मिली। इसी के साथ वह न्हावा गांव और उसके आसपास की अनगिनत युवतियों के लिए प्रेरणा बन गई थीं।