लंदन वार्ता के बाद बनी अमेरिका और चीन के बीच सहमति, व्यापार विवाद करेंगे खत्म
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- June 11, 2025
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नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच लंदन में वार्ता के बाद आपसी सहमति बनी है। अब दोनों देश व्यापार विवाद को खत्म करेंगे और एक दूसरे से सहयोग करेंगे।
बीते दिनों चीन और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद बढ़ गया था। चीनी छात्रों के वीजा ट्रंप ने रद्द कर दिए थे और कंप्यूटर चिप निर्यात नियंत्रण निर्देश जारी करने के फैसले के बाद चीन ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद ट्रंप और जिनपिंग ने फोन पर बात की और दोनों देशों ने लंदन में व्यापार वार्ता की।
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहा व्यापार विवाद अब सुलह की राह पर बढ़ चला है। लंदन में दोनों देशों के बीच हुई व्यापार वार्ता के बाद संकेत मिले हैं कि दोनों देश समझौता करने पर सहमत हो गए हैं। चीनी मीडिया ने कहा कि अमेरिका और चीन व्यापार विवादों को सुलझाने के लिए समझौते को लागू करने के लिए रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं।
मंगलवार को लंदन में दो दिनों की वार्ता के समापन के बाद यह खुलासा हुआ है। चीनी सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक वाणिज्य उपमंत्री और चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिनिधि ली चेंगगांग ने कहा कि दोनों पक्ष मई में जेनेवा में हुई वार्ता में दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिए एक रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं।
ली और चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ, उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने बकिंघम पैलेस के पास 200 साल पुरानी हवेली लैंकेस्टर हाउस में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से मुलाकात की। मंगलवार को लुटनिक ने कहा था कि वार्ता अच्छी चल रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि यह पूरे दिन जारी रहेगी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले गुरुवार को चीनी नेता शी जिनपिंग से फोन पर लंबी बातचीत की और संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हुई। ट्रंप ने अगले दिन सोशल मीडिया पर बताया कि सोमवार को लंदन में व्यापार वार्ता होगी।
ट्रंप के बयान के बढ़ा विवाद
चीन और अमेरिका के बीच विवाद ट्रंप के बयान के बाद बढ़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि ‘बुरी खबर यह है कि चीन ने हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है, जो कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाली बात नहीं है। अब ‘मिस्टर नाइस गाइ’ बनने की जरूरत नहीं है।’ ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि कोई समाधान निकले। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और कंप्यूटर चिप निर्यात नियंत्रण निर्देश जारी करने के फैसले पर चीन ने नाराजगी जाहिर की थी।
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहा व्यापार विवाद अब सुलह की राह पर बढ़ चला है। लंदन में दोनों देशों के बीच हुई व्यापार वार्ता के बाद संकेत मिले हैं कि दोनों देश समझौता करने पर सहमत हो गए हैं। चीनी मीडिया ने कहा कि अमेरिका और चीन व्यापार विवादों को सुलझाने के लिए समझौते को लागू करने के लिए रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं।
मंगलवार को लंदन में दो दिनों की वार्ता के समापन के बाद यह खुलासा हुआ है। चीनी सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक वाणिज्य उपमंत्री और चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिनिधि ली चेंगगांग ने कहा कि दोनों पक्ष मई में जेनेवा में हुई वार्ता में दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिए एक रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं।
ली और चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ, उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने बकिंघम पैलेस के पास 200 साल पुरानी हवेली लैंकेस्टर हाउस में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से मुलाकात की। मंगलवार को लुटनिक ने कहा था कि वार्ता अच्छी चल रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि यह पूरे दिन जारी रहेगी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले गुरुवार को चीनी नेता शी जिनपिंग से फोन पर लंबी बातचीत की और संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हुई। ट्रंप ने अगले दिन सोशल मीडिया पर बताया कि सोमवार को लंदन में व्यापार वार्ता होगी।
ट्रंप के बयान के बढ़ा विवाद
चीन और अमेरिका के बीच विवाद ट्रंप के बयान के बाद बढ़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि ‘बुरी खबर यह है कि चीन ने हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है, जो कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाली बात नहीं है। अब ‘मिस्टर नाइस गाइ’ बनने की जरूरत नहीं है।’ ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि कोई समाधान निकले। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और कंप्यूटर चिप निर्यात नियंत्रण निर्देश जारी करने के फैसले पर चीन ने नाराजगी जाहिर की थी।