आईटीआर भरते समय ये पांच गलतियां पड़ सकती हैं भारी, करना पड़ सकता है जुर्माना का सामना

 आईटीआर भरते समय ये पांच गलतियां पड़ सकती हैं भारी, करना पड़ सकता है जुर्माना का सामना
नई दिल्ली। आईटीआर भरते समय कुछ गलतियां भारी पड़ सकती हैं। इससे टैक्स नोटिस, जुर्माने और रिफंड में देरी का सामना करा सकती हैं। वित्तवर्ष 2025-26 में आईटीआर नोटिस से बचने के लिए ये पांच गलतियां कभी ना करें।
आईटीआर भरने से पहले अपनी आय, डॉक्यूमेंट्स और नए नियमों को अच्छे से समझना जरूरी है।
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना हर उन नौकरीपेशा और व्यवसायी के लिए जरूरी है, जो इसके दायरे में आता हो। लेकिन इसी के साथ इनकम टैक्स रिटर्न सही तरीके से फाइल करना भी उतना ही जरूरी है। वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए आईटीआर भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसकी आखिरी तारीख 15 सितंबर 1025 है। इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फाइल करने के कुछ नियमों में बदलाव भी किया है।
गलत आईटीआर फॉर्म चुनना
आईटीआर फाइल करने के दौरान लोगों से सबसे पहली और सबसे आम होने वाली गलती है यह होती है कि कई बार लोग गलत आईटीआर फॉर्म चुन लेते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग-अलग तरह की आय और टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं। अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर-1 से आईटीआर-7 तक अलग-अलग फॉर्म हैं। हर फॉर्म का अपना एक खास उद्देश्य है।
एचआरए क्लेम में गलती करना
हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) ओल्ड टैक्स रिजीम में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली छूट में से एक है, लेकिन इसमें गलतियां करना भी उतना ही आम है। अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और आपकी सैलरी में एचआरए शामिल है, तो सेक्शन 10(13A) के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं, जैसे किराए का भुगतान का सबूत, मकान मालिक का पैन कार्ड (अगर सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है), और किराए का एग्रीमेंट। कई लोग बिना सही डॉक्यूमेंट्स के एचआरए क्लेम कर देते हैं, जिसके बाद उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी आ सकता है।
कैपिटल गेन्स का कैलकुलेशन
कैपिटल गेन्स टैक्स का गलत कैलकुलेशन भी मुश्किल बन सकता है, खासकर इस साल जब नए नियम लागू हुए हैं। बजट 2024 के बाद, 23 जुलाई 2024 से शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) पर 12.5% टैक्स लगेगा, बिना इंडेक्सेशन के। वहीं, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (एसटीसीजी) पर टैक्स 20% हो गया है, जो पहले 15% था। आईटीआर-2 में अब कैपिटल गेन्स को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के हिसाब से अलग-अलग दिखाना होगा।
सभी इनकम सोर्स के बारे में नहीं बताना
कई बार टैक्सपेयर अपनी सभी आय के सोर्स को ITR में शामिल करना भूल जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग सिर्फ अपनी सैलरी या बिजनेस की आय दिखाते हैं, लेकिन बैंक डिपॉजिट से मिलने वाला ब्याज, डिविडेंड से होने वाली इनकम या छोटे-मोटे कैपिटल गेन्स को शामिल नहीं करते। अगर आपकी कुल आय 2.5 लाख रुपये (ओल्ड टैक्स रिजीम) या 3 लाख रुपये (न्यू टैक्स रिजीम) से कम है, तो आईटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं है।
जॉब स्विच करने पर होने वाली गलतियां
जॉब बदलने वाले लोगों के लिए आईटीआर फाइल करना थोड़ा पेचीदा हो सकता है। अगर आपने वित्तीय वर्ष 2024-25 में जॉब बदली है, तो आपको दोनों एम्पलॉयर से मिलने वाली सैलरी और TDS की जानकारी सही-सही आईटीआर में दिखानी होगी। कई बार लोग पुराने एम्प्लॉयर की आय या टीडीएस को शामिल करना भूल जाते हैं, जिसके कारण टैक्स की कैलकुलेशन गलत हो जाती है। जॉब स्विच करने पर आपको दोनों एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 लेना होगा और उनकी जानकारी को ITR में सही तरीके से शामिल करना होगा।