साइबर अपराधियों के मददगार 39 ऑपरेटरों पर एफआईआर, विदेश में बेचे 1100 घोस्ट सिम
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- May 18, 2025
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नई दिल्ली। सीबीआई ने साइबर अपराधियों के मददगार 39 आपरेटरों पर एफआईआर दर्ज की है। जिन्होंने विदेश में 1100 घोस्ट सिम बेच डाले हैं।
सीबीआई के अनुसार 1,930 पीओएस से जारी 64,000 से अधिक सिम कार्ड मानदंडों को पूरा करते थे, जिन्हें इन सिम कार्डों के खिलाफ कम से कम 10 शिकायतों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया। इससे संदेह के दायरे में आने वाले पीओएस की संख्या घटकर 84 रह गई। आगे की जांच में पता चला कि वर्तमान में 39 पीओएस सक्रिय हैं और ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बनाने में लगे हुए हैं।
डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों पर बड़ी कार्रवाई में सीबीआई ने 39 पॉइंट-ऑफ-सेल्स (पीओएस) ऑपरेटरों पर मामला दर्ज किया है। इन लोगों ने भोले-भाले लोगों को फंसाने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संचालित साइबर अपराधियों को 1,100 ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बेचे थे। पीओएस ऑपरेटर गृह मंत्रालय के तहत देश की साइबर अपराध विरोधी इकाई आई4सी की जांच के दायरे में थे।
सीबीआई ने बताया कि 1,930 पीओएस से जारी 64,000 से अधिक सिम कार्ड मानदंडों को पूरा करते थे, जिन्हें इन सिम कार्डों के खिलाफ कम से कम 10 शिकायतों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया। इससे संदेह के दायरे में आने वाले पीओएस की संख्या घटकर 84 रह गई। आगे की जांच में पता चला कि वर्तमान में 39 पीओएस सक्रिय हैं और ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बनाने में लगे हुए हैं।
ग्राहकों से ई-केवाईसी विफल होने का बोलते थे झूठ
सीबीआई जांच में पता चला कि सिम कार्ड ई-केवाईसी के आधार पर जारी किए जाते हैं। जब कोई ग्राहक सिम लेना चाहता है, तो पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति ई-केवाईसी करवाकर सिम जारी कर देता है। ये लोग ग्राहकों से झूठ बोलते थे कि उनका ई-केवाईसी विफल हो गया है और उन्हें दोबारा प्रयास करना चाहिए।
डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों पर बड़ी कार्रवाई में सीबीआई ने 39 पॉइंट-ऑफ-सेल्स (पीओएस) ऑपरेटरों पर मामला दर्ज किया है। इन लोगों ने भोले-भाले लोगों को फंसाने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संचालित साइबर अपराधियों को 1,100 ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बेचे थे। पीओएस ऑपरेटर गृह मंत्रालय के तहत देश की साइबर अपराध विरोधी इकाई आई4सी की जांच के दायरे में थे।
सीबीआई ने बताया कि 1,930 पीओएस से जारी 64,000 से अधिक सिम कार्ड मानदंडों को पूरा करते थे, जिन्हें इन सिम कार्डों के खिलाफ कम से कम 10 शिकायतों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया। इससे संदेह के दायरे में आने वाले पीओएस की संख्या घटकर 84 रह गई। आगे की जांच में पता चला कि वर्तमान में 39 पीओएस सक्रिय हैं और ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बनाने में लगे हुए हैं।
ग्राहकों से ई-केवाईसी विफल होने का बोलते थे झूठ
सीबीआई जांच में पता चला कि सिम कार्ड ई-केवाईसी के आधार पर जारी किए जाते हैं। जब कोई ग्राहक सिम लेना चाहता है, तो पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति ई-केवाईसी करवाकर सिम जारी कर देता है। ये लोग ग्राहकों से झूठ बोलते थे कि उनका ई-केवाईसी विफल हो गया है और उन्हें दोबारा प्रयास करना चाहिए।