पांच दिन में तीन लाख टिकट रद्द, देश के हवाईअड्डों के बंद होने से विमान सेवाओं पर असर

 पांच दिन में तीन लाख टिकट रद्द, देश के हवाईअड्डों के बंद होने से विमान सेवाओं पर असर
नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान तनाव के बीच उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र के 32 हवाईअड्डों पर 7 से 12 मई के बीच विमान सेवाएं स्थगित किए जाने की वजह से करीब तीन लाख से अधिक टिकट कैंसिल किए गए। इन हवाईअड्डों पर परिचालन बंद किए जाने से पहले रोजाना 50,000 से 65,000 यात्रियों को सेवाएं दी जा रही थीं। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 पर्यटकों को मारे जाने की घटना की प्रतिक्रिया में ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, जिसके बाद देश के इन हिस्सों में हवाईअड्डों का परिचालन बंद कर दिया गया।
इस बंद से प्रभावित हवाईअड्डों में श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर, चंडीगढ़ और जोधपुर के हवाईअड्डे शामिल हैं जिन्हें दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा किए जाने के बाद12 मई की सुबह दोबारा खोला गया। हालांकि विमानों की उड़ान पहले की तरह सहज नहीं है।
12 मई को पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की गतिविधि बढ़ गई जिसके कारण सोमवार की शाम अमृतसर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट आसमान में उड़ान भरने के बावजूद वापस आने के लिए बाधित हुई। 12 मई की आधी रात को देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने यह घोषणा की कि जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, लेह, श्रीनगर और राजकोट उड़ान भरने वाली फ्लाइट की सेवाएं 13 मई को रद्द की जाती हैं।
मंगलवार की सुबह इंडिगो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि इन शहरों से 14 मई से उड़ान सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की जाएंगी। विमानन कंपनी ने कहा, ‘प्रत्येक फ्लाइट की सेवाएं बेहतर समन्वय के साथ बहाल की जा रही हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी यात्रा बिना किसी बाधा के सुरक्षित तरीके से अपने वायु मार्ग पर पूरी हो जाए।’सेवाएं बहाल करने की योजना की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद ही एयर इंडिया ने एक्स पर लिखा कि ‘ताजा घटनाक्रम’ को देखते हुए और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर,जम्मू, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट से आने-जाने वाली विमान सेवाएं 13 मई के लिए रद्द की गई थी। विमान सेवाएं रद्द होने से  करीब तीन लाख टिकट कैसिंल हुए। जिससे विमान कंपनियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है।