हाथ-पैरों में दर्द हो सकती है इन बीमारियों का संकेत, ना करें नजरअंदाज
- दिल्ली राष्ट्रीय स्वास्थ्य
Political Trust
- May 12, 2025
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नई दिल्ली। बढ़ती उम्र में हाथ-पैरों में दर्द रहने लगता है। हालांकि बदली जीवनशैली के कारण यह परेशानी अब युवावस्था में भी होने लगी है। अगर हाथ और पैरों में लगातार दर्द हो रहा है और वह असहनीय होता जा रहा है तो यह कई बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। हाथ पैरों के दर्द को सामान्य समझकर घरेलू उपाय अपनाकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हाथ पैरों में दर्द क्यों होता है और यह किन बीमारियों के संकेत हैं।
सामान्य रूप से 50 की उम्र के बाद हाथ पैरों में दर्द की समस्या शुरु होती है। यदि इससे पहले यह समस्या हो रही है तो आपको अपनी सेहत के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। हाथ पैरों में दर्द होना कई गंभीर बीमारियों का लक्षण होता है। इनमें कुछ बीमारियां सामान्य होती है तो कुछ गंभीर और कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जो होने के बाद जीवन भर आपके साथ रहेंगी. इसलिए हाथ, उंगली, टखना, एड़ी, टांग, पैर का पंजा आदि में दर्द हो तो इसकी जांच जरूर करवाएं।
हाथ पैरों में दर्द होना डायबिटीज, गठिया, तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार, ब्लड फ्लो संबंधी परेशानी, विटामिन की कमी का भी लक्षण हो सकता है। दर्द क्यों हो रहा है इसका पता जांच के बाद ही चल सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर भी हाथ पैरों को छोटे जोड़ों में दर्द होता है। इसे नजरअंदाज किया जाए तो यही गंभीर रोग गठिया में बदल जाता है। वेरीकोज वेन में भी पैरों में सूजन और दर्द होता है। यह किसी भी आयु में हो सकता है। इसलिए दर्द शुरु होते ही उसकी जांच करवानी चहिए। जिससे जल्दी इलाज हो सके और बीमार को गंभीर होने से रोका जा सके।
अपनाएं ये उपाय
30 वर्ष की आयु के बाद डायबिटीज और यूरिक एसिड की जांच करवाते रहना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. संतुलित आहार के साथ व्यायाम जरूर करें। सोडा और कोल्ड ड्रिंक के साथ ही शराब और तंबाकू से परहेज करें। शरीर में विटामिन की कमी न होने दें। खुद को हाइड्रेट रखें और मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें।
हाथ पैरों में दर्द होना डायबिटीज, गठिया, तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार, ब्लड फ्लो संबंधी परेशानी, विटामिन की कमी का भी लक्षण हो सकता है। दर्द क्यों हो रहा है इसका पता जांच के बाद ही चल सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर भी हाथ पैरों को छोटे जोड़ों में दर्द होता है। इसे नजरअंदाज किया जाए तो यही गंभीर रोग गठिया में बदल जाता है। वेरीकोज वेन में भी पैरों में सूजन और दर्द होता है। यह किसी भी आयु में हो सकता है। इसलिए दर्द शुरु होते ही उसकी जांच करवानी चहिए। जिससे जल्दी इलाज हो सके और बीमार को गंभीर होने से रोका जा सके।
अपनाएं ये उपाय
30 वर्ष की आयु के बाद डायबिटीज और यूरिक एसिड की जांच करवाते रहना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. संतुलित आहार के साथ व्यायाम जरूर करें। सोडा और कोल्ड ड्रिंक के साथ ही शराब और तंबाकू से परहेज करें। शरीर में विटामिन की कमी न होने दें। खुद को हाइड्रेट रखें और मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें।