आपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने बरसाईं पाक के आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें, मिट्टी में मिले दुश्मन

 आपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने बरसाईं पाक के आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें, मिट्टी में मिले दुश्मन
Political trust magazine
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पहलगाम में आतंकी हमलों का बदला लेने के लिए आपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है। भारतीय सेना की आतंकियों पर ये स्ट्राइक इतनी भयानक थी कि बहावलपुर में कम से कम 30 आतंकियों की मौत हुई है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों को भारी नुकसान पहुंचा है। बताया जाता कि भारत ने कुल 24 मिसाइलें दागीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस पूरे ऑपरेशन की रातभर निगरानी की। जिस दिन से पहलगाम में आतंकी हमला हुआ उसी दिन से दुनिया को अंदाजा था कि भारत आतंकियों को ठिकाने लगाएगा। अब इस हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने बुधवार रात करीब डेढ़ बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर PoK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी। ये हमले बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, बाघ, कोटली और मुजफ्फराबाद क्षेत्रों में किए गए। भारतीय सेना ने साफ किया है कि निशाना सिर्फ आतंकी अड्डों पर था किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं हुआ। आइए जानते हैं कि ये हमले कहां हुए हैं। बहावलपुर (पाकिस्तान) अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय। यहां से आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी। हमले में 30 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। मुरीदके (पाकिस्तान)
जो कि जम्मू के सांबा सेक्टर के ठीक सामने, सीमा से 30 किमी की दूरी पर पर है। यहां लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा अड्डा, 26/11 मुंबई हमले के आतंकी यहीं से जुड़े थे।
गुलपुर पुंछ-राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा से 35 किमी दूर है। 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में हुए आतंकी हमले और 24 जून को तीर्थयात्रियों पर हमले की जड़ें यहीं से जुड़ी थीं। सवाई कैंप तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किमी की दूरी पर लश्कर का अड्डा। अक्टूबर 2024 में सोनमर्ग (20 तारीख), गुलमर्ग (24 तारीख) और अप्रैल 2025 में पहलगाम (22 तारीख) हमलों से संबंध है। बिलाल कैंप
जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड माना जाता है। जहां से नई भर्ती आतंकियों की ट्रेनिंग और भेजने का ठिकाना है। कोटली कैंप राजौरी के सामने एलओसी से 15 किमी अंदर लश्कर का बमर्स कैंप है। इसमें करीब 50 आतंकियों की ट्रेनिंग और रहने की क्षमता थी। सरजाल कैंप अंतरराष्ट्रीय सीमा से 8 किमी दूर, सांबा-कठुआ के सामने स्थित जैश का ट्रेनिंग सेंटर.महमूना कैंप (पाकिस्तान) सियालकोट के पास, भारत-पाक सीमा से 15 किमी दूर स्थित हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रशिक्षण केंद्र है।