कल 30 अप्रैल अक्षय तृतीया पर सुबह 10.30 पर गंगोत्री और 11.55 पर खुलेंगे यमुनोत्री के कपाट
- उत्तराखण्ड
Political Trust
- April 29, 2025
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देहरादून। कल बुधवार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा यमुनोत्री धाम से शुरू होगी। ये चारधाम यात्रा वामावर्ती यानी बाएं से दाई ओर की होती है। इसमें सबसे बाईं ओर पहला धाम यमुनोत्री, दूसरा गंगोत्री, तीसरा केदारनाथ और चौथा बदरीनाथ धाम है। सभी चार धामों के कपाट शुभ मुहूर्त पर ही खोले जाएंगे। सबसे पहले गंगोत्री फिर यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे। आज मंगलवार 29 अप्रैल को देवी गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है। देवी यमुना की डोली खरसाली गांव से 30 तारीख को सुबह यमुनोत्री के लिए निकलेगी।
चारधाम यात्रा यमुनोत्री मंदिर से शुरू होती है। ये उत्तरकाशी जिले की बडकोट तहसील में स्थित है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और आखिरी में बदरीनाथ धाम हैं। इस धाम के कपाट कपाट कल सुबह 11.55 पर खुलेंगे।
कपाट खुलने से पहले वैदिक मंत्रों से द्वार पूजन और किया जाएगा। इसके बाद कपाट खुलेंगे। मां यमुना की भोग मूर्ति। इसे चलित विग्रह कहते हैं। खरसाली गांव से डोली में देवी यमुना की भोग मूर्ति आती है। ये मूर्ति चांदी की होती है। इस देवी की डोली की अगुआई उनके भाई शनि देव करते हैं। इन्हें सोमेश्वर कहा जाता है। माना जाता है ये देवी उनके धाम छोड़कर खरसाली लौट जाते हैं। खरसाली में शनिदेव का मंदिर है जो यमुनोत्री धाम से करीब 6 किलोमीटर दूर है।
चारधाम यात्रा यमुनोत्री मंदिर से शुरू होती है। ये उत्तरकाशी जिले की बडकोट तहसील में स्थित है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और आखिरी में बदरीनाथ धाम हैं। इस धाम के कपाट कपाट कल सुबह 11.55 पर खुलेंगे।
कपाट खुलने से पहले वैदिक मंत्रों से द्वार पूजन और किया जाएगा। इसके बाद कपाट खुलेंगे। मां यमुना की भोग मूर्ति। इसे चलित विग्रह कहते हैं। खरसाली गांव से डोली में देवी यमुना की भोग मूर्ति आती है। ये मूर्ति चांदी की होती है। इस देवी की डोली की अगुआई उनके भाई शनि देव करते हैं। इन्हें सोमेश्वर कहा जाता है। माना जाता है ये देवी उनके धाम छोड़कर खरसाली लौट जाते हैं। खरसाली में शनिदेव का मंदिर है जो यमुनोत्री धाम से करीब 6 किलोमीटर दूर है।