हरित और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

 हरित और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

गेल और कॉनकॉर के बीच एलएनजी को वैकल्पिक ईंधन के रूप में अपनाने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

Nimmi thakur

नई दिल्ली।
गेल (इंडिया) लिमिटेड और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में तरल प्राकृतिक गैस (LNG) को वैकल्पिक ईंधन के रूप में अपनाने की संभावनाओं का पता लगाने हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह MoU 23 अप्रैल को नई दिल्ली में गेल के निदेशक (मार्केटिंग) संजय कुमार, कॉनकॉर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय स्वरूप और दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। MoU पर गेल के कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग – रिटेल एलएनजी) कपिल कुमार जैन और कॉनकॉर के महाप्रबंधक (पी एंड एस) अहमद वासी खान ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौते का उद्देश्य कॉनकॉर के लॉजिस्टिक्स बेड़े के लिए एलएनजी के उपयोग की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना है। यह साझेदारी एलएनजी को डीज़ल के स्थान पर एक स्वच्छ और किफायती विकल्प के रूप में अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और संचालन लागत में बचत की उम्मीद है।

इस अवसर पर गेल के निदेशक (मार्केटिंग)संजय कुमार ने कहा कि गेल देश में सबसे बड़ा एलएनजी पोर्टफोलियो रखता है और विश्व के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों से इसके अनुबंध हैं, जिससे यह एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बनता है। उन्होंने एलएनजी को परिवहन क्षेत्र के लिए एक “गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि भारत में इसका उपयोग धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है।

वहीं, कॉनकॉर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय स्वरूप ने इस MoU को कंपनी की हरित लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया। उन्होंने बताया कि कंपनी ने पहले ही मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क, खातुवास में एलएनजी स्टेशन की स्थापना की है और 130 एलएनजी ट्रेलरों का एक बड़ा बेड़ा खरीदा है, जिससे कॉनकॉर के दैनिक कार्यों में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है।

यह साझेदारी दोनों अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को दर्शाती है, जो भारत में हरित, टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल लॉजिस्टिक्स प्रणाली की स्थापना की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।